
लखनऊ(Uttar Pradesh ). यूपी में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में केंद्र द्वारा तय किए गए लॉकडाउन की समय सीमा से पहले योगी सरकार कोई भी ढील देने के मूड में नहीं है। हालांकि शासन स्तर पर इस मामले में मंथन चल रहा है कि उन जिलों में लॉकडाउन में छूट देने पर पहले फोकस किया जाए जहां कोरोना के मामले कम है। सबसे पहले उन जिलों पर सरकार का फोकस रहेगा जहां कोरोना के मरीज 10 से कम हैं और वहां से औद्योगिक इकाइयां संचालित होती हैं। खबर है कि सूबे में तकरीबन 45 जिलों में छोटी बड़ी औद्योगिक गतिविधियां शुरू की जा सकती हैं।
उत्तर प्रदेश शासन की उच्चस्तरीय बैठक में ये कहा गया कि 10 से ज्यादा केस वाले जिलों में लाकडाउन का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। ऐसे में वहां औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने में खासी मुश्किलें आएंगी। बड़ी समस्या ये है कि सबसे अधिक उद्योग वाले पश्चिमी यूपी के लगभग सभी जिले कोरोना संक्रमण से ग्रस्त हैं। मध्य यूपी भी इसी संकट से जूझ रहा है। जबकि इन सबके इतर बुंदेलखंड और पूर्वांचल बेहतर स्थिति में हैं । यहां कोरोना का सबसे कम प्रकोप है।
इन जिलों में नहीं हैं एक भी मरीज
यूपी के कुछ जिले ऐसे भी हैं जहां एक भी कोरोना के मरीज नहीं हैं। इन जिलों में अमेठी, फर्रुखाबाद, जालौन, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट , सिद्धार्थनगर ,कानपुर देहात, फतेहपुर, , कुशीनगर, देवरिया, बलिया, चंदौली व सोनभद्र शामिल हैं। इन जिलों में बीते शनिवार तक एक भी कोरोना के मरीज नहीं चिन्हित हुए थे।
इन जिलों में हैं 10 से कम मरीज
यूपी के 29 जिले ऐसे भी हैं जहां 10 से भी कम मरीज हैं। इन जिलों पर योगी सकरार विचार कर रही है। इन जिलों से संचालित होने वाली औद्योगिक इकाइयों को खोलने पर विचार चल रहा है। अभी इस पर इंटीम निर्णय आना बाकी है। जिन जिलों में 10 से कम मरीज हैं उनमें इटावा, बांदा, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, प्रयागराज, बाराबंकी, अयोध्या, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, महराजगंज, आजमगढ़, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, हाथरस, मथुरा, एटा, कासगंज, मैनपुरी, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, खीरी, उन्नाव, कन्नौज, गोरखपुर, संतरविदास नगर व मिर्जापुर शामिल हैं।
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