UP Election 2022: सपा विधायकों को ही नहीं अखिलेश पर 'भरोसा', पार्टी में फूट से पड़ेगा 'मिशन 2022' पर बड़ा असर

अखिलेश की बात पर जनता कैसे भरोसा कर पाएगी। उनकी जीत पर उनकी खुद की पार्टी के नेताओं को ही भरोसा नहीं है। शायद यही वजह है कि सपा के चार कद्दावर MLC बीजेपी में शामिल हुए है। आगामी आने वाले विधानसभा चुनाव 2022 में सपा पर इसका असर देखने को मिल सकता है। आने वाले दिनो में सपा के 30-40 नेता सपा में शामिल हो सकते हैं।

लखनऊ: अखिलेश यादव भले ही जीत के लाख दावे कर रहे हैं लेकिन उनकी पार्टी के एमएलसी (MLC) ही उनका विश्वास नहीं कर रहे। अखिलेश (AKHILESH YADAV) एक कदम सोच रहे हैं तो बीजेपी 4 कदम आगे चल रही है।  उधर अखिलेश यादव पूर्वांचल में जनसभा कर जीत के बड़े-बड़े दावे कर रहे होते है तभी उन्ही की पार्टी के चार कद्दावर MLC अखिलेश यादव की बात को अनदेखा कर बीजेपी (BJP) ज्वाइन कर रहे होते हैं।

बता दें की बीजेपी के एक विधायक को सपा ने कुछ दिन पहले ज्वाइन कराया था। यह कहा जा सकता है चुनाव के नतीजे कुछ भी हों लेकिन फिलहाल बीजेपी सपा से एक नहीं बल्‍क‍ि चार कदम आगे चल रही हैं। जानकारों के मुताबिक सपा में भगदड़ मचने की यह शुरुआत है। बीजेपी ने एक चार सदस्‍यीय टीम का गठन किया है। इस टीम का काम सपा-बसपा (SP-BSP) के बागी विधायकों पर नजर रखना है। आने वाले दिनो में सपा व बसपा को बीजेपी और झटके दे सकती है।  30 -40 सपा नेता बीजेपी में जा सकते हैं। अब देखना ये होगा खुद की जीत के ख्याली पुलाव पकाने वाले अखिलेश आपनी पार्टी के नेताओ का विश्वास कैसे जीतेंगे। 

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चारों MLC अपने-अपने क्षेत्र में है मजबूत

सपा के चार विधान परिषद सदस्यों रविशंकर सिंह पप्पू (RAVISHANKAR SINGH PAPPU), सीपी चंद (CP CHAND), रमा निरंजन (RAMA NIRANJAN) और नरेंद्र भाट (NARENDRA BHATI) ने बुधवार को बीजेपी का दामन थाम लिया है। सपा (SAMAJWADI PARTY)छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले चार नेता निकाय क्षेत्रों के द्वारा एमएलसी हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी इन चारों सदस्यों को निकाय क्षेत्र एमएलसी चुनाव में उतार सकती है, क्योंकि ये सभी दिग्गज हैं और अपने-अपने इलाके के मजबूत नेता माने जाते हैं। एमएलसी रविशंकर सिंह उर्फू पप्पू ने बीजेपी की सदस्यता ली है, जो पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पौत्र हैं। चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर पहले ही सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं और राज्यसभा सदस्य हैं। पूर्व मंत्री मार्कण्डेय चंद के पुत्र सीपी चंद 2016 में सपा के समर्थन से गोरखपुर से एमएलसी बने थे और अब उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया है।

मुलायम के करीबी नरेंद्र भाटी ने भी छोड़ी सपा

वहीं, नोएडा से सपा एमएलसी नरेंद्र भाटी ने भी बीजेपी की सदस्यता ली है, जो पूर्व  सीएम मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाते हैं। अवैध खनन मामले में नोएडा की एसडीएम दुर्गशक्ति नागपाल के द्वारा कड़ी कार्रवाई किए जाने के बाद नरेंद्र भाटी चर्चा में आए थे। बीजेपी ने भी इसे बड़ा मुद्दा बनाया था और अखिलेश सरकार को घेरा था। बीजेपी ने अब उसी नरेंद्र भाटी को पार्टी की सदस्यता दिलाई है। इसके अलावा झांसी-जालौन-ललितपुर सीट से एमएलसी रमा निरंजन भी सपा को अलविदा कहकर बीजेपी में शामिल हो गई हैं। 

स्थानीय निकाय सीटों पर घमासान

विधान परिषद में स्थानीय निकाय क्षेत्रों के चुनाव में सत्ता में रहने वाली पार्टी को सियासी फायदा मिलता रहा है। यही वजह है कि चुनाव से पहले विपक्षी दल के एमएलसी बीजेपी में आ रहे हैं। सपा के इन चार एमएलसी के बीजेपी में शामिल होने के बाद विपक्ष के कई और नेता भी भगवा झंडा थाम सकते हैं।

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