पीएम मोदी की अपील के बाद देश में स्वदेशी खिलौनों की मांग तेजी से बढ़ने लगी है। स्वदेशी खिलौनों की तेजी से बढ़ती मांग को देखते हुए सीएम योगी ने सूबे को खिलौना निर्माण का हब बनाने के तैयारी में लगे हैं
लखनऊ(Uttar Pradesh). पीएम मोदी की अपील के बाद देश में स्वदेशी खिलौनों की मांग तेजी से बढ़ने लगी है। स्वदेशी खिलौनों की तेजी से बढ़ती मांग को देखते हुए सीएम योगी ने सूबे को खिलौना निर्माण का हब बनाने के तैयारी में लगे हैं। खिलौनों का उत्पादन बढ़ाकर राज्य सरकार की योजना 3 लाख से ज़्यादा लोगों को रोज़गार देने की भी है। सरकार इसके लिए नयी खिलौना नीति लाने की तैयारी कर रही है। जिसके तहत अगले 5 सालों में 20 हज़ार करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। जल्द ही नयी नीति का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बड़े निवेश के कदम पर अंतिम मुहर लगाएंगे। इस योजना के तहत निवेश करने वाले देसी और विदेशी निवेशकों को पूंजी, ब्याज, ज़मीन की ख़रीद और स्टैम्प ड्यूटी, पेटेंट, बिजली परिवहन समेत अन्य सुविधाएं सब्सिडी के साथ दी जाएंगी। अगर निवेशक महिला या अर्धसैनिक बलों से जुड़े हो तो अतिरिक्त रियायतें भी दी जाएंगी।
पिछड़े जिलों में मिलेगा उद्योगों को बढ़ावा
प्रदेश में खिलौना इंडस्ट्री को बढ़ावा देने से सबसे ज़्यादा लाभ उन ज़िलों को होगा जो अभी उद्योगों की दृष्टि से पिछड़े हुए है। जिसमें चित्रकूट, गोरखपुर, आज़मगढ़ जैसे जिले शामिल है। यहां तक कि झांसी के सॉफ़्ट टॉयज को जनवरी 2018 में ही सरकार ने अपने फ़्लैगशिप योजना ओडीओपी में शामिल कर इसकी बेहतरी के लिए काम करना शुरू कर दिया था। जिसके लिए DSR रिपोर्ट भी तैयार करवायी जा चुकी है।
देश में 90 फीसदी खिलौने चीन और ताइवान के
रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में करीब 90 प्रतिशत खिलौने चीन और ताइवान से आते है। वैश्विक कारोबार में भी भारत की हिस्सेदारी सिर्फ़ 5 प्रतिशत की है। पिछले कुछ महीनो में चीन से आने वाले चीनी खिलौनों की डिमांड में कमी आयी है। ऐसे में यूपी सरकार के पास ये बड़ा मौका है। जिसका सीधा फ़ायदा प्रदेश के लोगों को मिलेगा।