दुनिया में काशी को नई पहचान देगा काशी विश्वनाथ धाम, 13 दिसंबर को फिर जगमगाएगा UP

13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकापर्ण के साथ ही पूरे उत्तर प्रदेश माहौल दीपावली सरीखा होगा। बस इस हर्षोल्लास में थोड़ा सा अंतर होगा। इस बार प्रदेश के लोग हिन्दू आस्था सर्वोच्च बिन्दु काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के मौके पर दीपक जलाकर अपने घरों में भगवान शिव का आह्वान करेंगे। इसके साथ ही काशी में लेजर शो, आतिशबाजी के साथ रोशनी से समस्त मंदिर, शहर की गलियां, चौराहे व अन्य सार्वजनिक स्थान रोशनी से नहाएंगे।

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi)13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर लोकार्पण करेंगे। लोकार्पण के बाद शाम को बोट से गंगा की सैर व गंगा आरती देखेंगे। योजनाकारों ने पूरे उत्तर प्रदेश में भव्य काशी दिव्य काशी की तर्ज पर दीपोत्सव का कार्यक्रम मनाने की योजना बनाई है। भाजपा (BJP) संगठन की ओर से प्रत्येक कार्यकर्ता (worker) पूरे राज्य के गांव, नगर , शहर में दीपक जलाने का प्रयास करेगा। भाजपा का मानना है कि इससे वैचरिक प्रतिबद्धता (ideological commitment) के साथ एक उत्सव (Celebration) का भी महौल होगा। इससे अपनी मजबूत संस्कृति का संदेश भी जाएगा। 

रंगीन लाइट बनेगी आकर्षण का केंद्र
इस दौरान भाजपा शासित प्रदेशों (BJP ruled states) के मुख्यमंत्री (Chief Ministers) भी मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री अगले दिन मुख्यमंत्रियों व जनप्रतिनिधियों (public representatives) से बातचीत करेंगे। इसके बाद स्वर्वेद मंदिर, उमरहा व सीएनजी प्लांट, शहंशाहपुर जाएंगे। प्रधानमंत्री 14 दिसंबर को दोपहर बाद यहां से प्रस्थान करेंगे। काशी विश्वनाथधाम के लोकार्पण (launching) के दिन सभी नावें सजेंगी। नाव पर लाइट भी भी व्यवस्था होगी। रंगीन लाइट आकर्षण का केंद्र होगी। धाम के लोकार्पण के दिन सभी लोगों से प्रशासन (Administration) की ओर से अपील की गई है कि घरों में दीये जलाएं। देव दीपावली की तरह की घरों को सजाएं । घर की तरह गली मुहल्ले को साफ रखें और व्यापक सफाई अभियान में सहयोग करें। 

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हिन्दुत्व और अपने सांस्कृतिक एजेंडे से फिर सत्ता में काबिज होंने का प्रयास 
राजनीतिक जानकारों की मानें तो अयोध्या में चल रहे राममंदिर निर्माण के बीच में मथुरा में मदिर निर्माण की तैयारी जैसे मुद्दे उछाल कर भाजपा एक बार फिर हिन्दुत्व और अपने सांस्कृतिक एजेंडे के जारिए फिर सत्ता में काबिज होंने के प्रयास में है। यूपी (UP) में चुनावी रणनीति तैयार करने वाले और केंद्रीय नेतृत्व के साथ तालमेल करने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता ने बताया कि यूपी में एक बार फिर 13 दिसम्बर को हम दीपोत्सव मनाने जा रहे हैं। इसके लिए तैयरियां चल रही है। इसके लिए कुछ कार्यकताओं को जिम्मेदारी भी दी गयी है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के बाद रात में दिए जलाए जाएंगे। इसके अलावा पूरे राज्यभर में कार्यकताओं से आह्ववान किया गया है वो प्रत्येक घरों में दीपक जरूर जलाए। 

अंतिम चरण में PM का  ड्रीम प्रोजेक्ट
13 दिसम्बर को बिल्कुल उत्सव की तरह मनाया जाएगा। काशी भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष महेश चन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि 13 दिसम्बर को राज्य में दपोत्सव जैसा माहौल होगा। काशी में घर-घर दिए जलेंगे। हर मंदिर चैराहे, कार्यालय में दीपक जलाए जाएंगे। हम लोग एक भव्य उत्सव मनाने जा रहे है। काशी विश्वनाथ धाम प्रधानमंत्री मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट (Dream Project) है, जिसका काम अंतिम चरण में है। कॉरिडोर (corridor) अब लाइटों से चमचमाने भी लगा है। लोकार्पण के बाद चलो काशी माह भी शुरू हो जाएगा, जिसके तहत धाम में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान काशी देव दीपावली की तरह सजाई जाएगी। 

अहिल्याबाई की मूर्ति भी होगी स्थापित
सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार धाम गंगा और बाबा विश्वनाथ के मध्य राष्ट्रीयता का प्रतीक भी दिखाई देगा, जो दुनिया में काशी को नई पहचान देगा। धाम में रानी अहिल्याबाई, भारत माता, कार्तिकेय, आदि शंकराचार्य की मूर्तियां भी स्थापित होंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिसंबर में शिव भक्तों के लिए विश्वनाथ धाम की सौगात देंगे। काशी विश्वनाथ धाम 54000 वर्गमीटर मे फैला हुआ है। धाम का निर्माण कार्य दो चरणों में पूरा किया जा रहा है। पहले चरण का काम अंतिम चरण में है। पहले चरण की परियोजना में मंदिर चौक, वाराणसी सिटी गैलरी, म्यूजियम, बहुउद्देशीय सभागार, हॉल, भक्त के लिए सुविधा केंद्र, सार्वजनिक सुविधा, मोक्ष गृह, गोदौलिया गेट, भोगशाला, पुजारियों और सेवादारों के लिए आश्रय, आध्यात्मिक पुस्तक पैलेस और अन्य का निर्माण शामिल है। बाबा के दरबार और अविरल निर्मल गंगा के मध्य राष्ट्रीयता की प्रतीक भारत माता की मूर्ति भी दिखेगी। कार्तिकेय, आदि शंकराचार्य की मूर्ति भी श्री काशी विश्वनाथ धाम के भव्य प्रांगण में स्थापित की जाएगी। यही नहीं 1669 में बाबा के दरबार का पुनरोद्धार करने वाली रानी अहिल्याबाई की मूर्ति भी यहां स्थापित होगी। 

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