
लखनऊ. आज उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी जश्न में डूबी हुई है। पूरे प्रदेश में बीजेपी कार्यकर्ताओं से लेकर योगी सरकार खुशियां मना रही है। क्योंकि खुशी का कारण है 'हुकूमत ध्वस्त' करना। यानि योगीराज में 30 साल बाद समाजवादी पार्टी और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव परिवार के वर्चस्व को तोड़ दिया है। उत्तर प्रदेश सहकारी ग्रामीण विकास बैंकों के चुनाव में बीजेपी ने 323 शाखाओं में 293 पर जीत दर्ज करते ही मुलायम परिवार के तीन दशकों का तिलिस्म टूट गया है।
मायावती भी नहीं हिला पाईं थी यह तिलिस्म
बता दें कि साल 1991 से लेकर 2020 तक सहकारिता के क्षेत्र में यादव परिवार का एकक्षत्र राज चल रहा था। यहां तक कि मायावती के दौर में भी सहकारी ग्रामीण विकास बैंक पर मुलायम परिवार का ही राज रहा है। या तो यादव परिवार का कब्जा रहा या उनका कोई प्रशासक नियुक्त हुआ है। लेकिन ऐसा पहली बार है जब बैंक की 323 शाखाओं पर कोई दूसरी पार्टी काबिज हो सकी है।
कांग्रेस को एक सीट पर जीत सकी
सहकारिता के क्षेत्र में सिर्फ 19 पर ही विपक्ष काबिज हो सका। जबकि 11 सीटों पर चुनाव रद कर दिए गए थे । इन चुनाव में कांग्रेस अपनी परंपरागत सीट अमेठी में ही जीत दर्ज करा सकी। वहीं सहकारिता की सियासत में पहचान रखने वाले शिवपाल यादव और उनकी पत्नी अपनी सीट बचाने में कामयाब रहीं, लेकिन उनके अलावा और कोई ऐसा नहीं था जो अपनी सीट बचा पाया हो।
टूट गया मुलायम परिवार का तिलिस्म
30 साल बाद यूपी सहकारी ग्राम विकास बैंक के सभापति और उपसभापति पद पर बीजेपी कब्जा हो गया है। मुलायम सिंह के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव वर्ष 2005 से लगातार इस बैंक के अध्यक्ष पद पर रहे हैं । इस बार प्रदेश की योगी सरकार ने सहकारी ग्रामीण बैंकों के नियमों में बदलाव करने से शिवपाल यादव चुनाव नहीं लड़ सके हैं। जहां लखनऊ सहकारी ग्राम्य विकास बैंक के सभापति पद पर संतराज यादव निर्विरोध चुने गए। वहीं केपी मलिक भी उपसभापति पद के लिए निर्विरोध चुने गए।
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।