
अयोध्या: राममंदिर को संरक्षित स्मारक की श्रेणी में लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। कानून बनते ही मंदिर के 300 मीटर के परीक्षेत्र में 12 मीटर से ऊंची इमारत बनाने की इजाजत नहीं होगी। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विकास प्राधिकरण बोर्ड ने यह तैयारी शुरू की है। हालांकि विधानसभा चुनाव के कारण इस योजना को अमली जामा नही पहनाया जा रहा है। इसके लिए आवश्यक बैठकें संबंधित विभाग कर चुका है। एडीए के सचिव डा.संजीव कुमार के मुताबिक विधानसभा चुनाव के बाद जिला अधिकारी की अध्यक्षता में नई कमेटी गठित करके इसे रिव्यु किया जाएगा। उसके उपरांत संशोधित प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा । फिर यह नियमावली कानून का रूप धारण कर लेगी। उन्होंने बताया इससे पहले गठित कमेटी की बैठक में कई महत्वपूर्ण व दूरगामी परिणाम देने वाले निर्णय लिए गए जा चुके है।
रामजन्मभूमि परिसर के 300 मीटर परीक्षेत्र में नहीं बन पाएंगे ऊंचे मकान
नए मानक के अनुसार आने वाले समय मे रामजन्मभूमि परिसर के 100 मीटर की परिधि में नए निर्माण करने में पूर्ण पाबंदी होगी। साथ ही 300 मीटर क्षेत्र में 12 मीटर यानी ऊंची इमारत नही बनाई जा सकेंगीं और पुराने भवनों की रिपेयरिंग करने पर भी परमिशन लेनी होगी। पूरे परीक्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण बिना एडीए की इजाजत के नही हो सकेगा।
मंदिर परिसर के करीब रहने वालों को होगी दिक्कत
रामजन्मभूमि परिसर के इर्द-गिर्द रहने वाले लोगों को सुरक्षा के नाम पर काफी पाबंदियों का सामना पड़ता है। फैसला आने के बाद स्थानीय लोगो को लगा शायद अब दिक्कतें खत्म हो जाएं। लेकिन अभी भी स्थिति जस की तस है। अब मकान निर्माण में भी आने वाले समय मे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
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