राजस्थान की चार कार्यशालाओं में तराशे जा रहें है 'राम मंदिर के पत्थर', दिसंबर 23 को विराजमान हो जाएंगे 'रामलला

चीफ इंजीनियर के मुताबिक पूरा मंदिर तैयार करने में 5 साल लगेंगे। जिसमे डेढ़ साल का काम पूरा हो गया है। फाउंडेशन के लिए एक चट्टान नुमा नींव डाली गई है। उसके ऊपर राफ्ट की ढलाई की जा रही है। इसके ऊपर फरवरी माह से पत्थर लगाने का काम शुरू किया जाएगा। जिसमे ग्राउंड फ्लोर ,फस्ट फ्लोर उसके बाद सेकेंड फ्लोर और शिखर बनने है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 15, 2022 11:30 AM IST

अयोध्या: राजस्थान की चार कार्यशालाओं में मंदिर में लगने वाले पत्थरों की तराशी का काम शुरू किया जा चुका है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया राजस्थान में मकराना मार्बल की एक कार्यशाला और तीन कार्यशाला पिंक सेंडस्टोन की है। जिसमें से  दो कार्यशाला सिरोही जिले के पिंडवाड़ा और एक आबूरोड़ में काम शुरू हो गया है। तीनों कार्यशालाओं को एक लाख घन फुट पत्थर यानी एक को 33 हजार घन फुट पत्थर तराशने का काम दिया गया है। उन्होंने बताया ट्रस्ट की कोशिश है कि दिसंबर 2023 को भगवान अपने मूल गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठित हो जाएं। जिससे श्रद्धालु रामलला का दर्शन भव्य मंदिर में कर सकें ।

पूरा मंदिर बनाने में लगेंगे 5 साल डेढ़ साल का काम पूरा
चीफ इंजीनियर के मुताबिक पूरा मंदिर तैयार करने में 5 साल लगेंगे। जिसमे डेढ़ साल का काम पूरा हो गया है। फाउंडेशन के लिए एक चट्टान नुमा नींव डाली गई है। उसके ऊपर राफ्ट की ढलाई की जा रही है। इसके ऊपर फरवरी माह से पत्थर लगाने का काम शुरू किया जाएगा। जिसमे ग्राउंड फ्लोर ,फस्ट फ्लोर उसके बाद सेकेंड फ्लोर और शिखर बनने है। जो उसमें लगने वाली प्लिंथ है वो भी पत्थर से ही बनाई जाएगी। जिसके पत्थर आ चुके हैं । उन्होंने बताया कुल मिलाकर ढाई सौ वर्कर और 40 इंजीनियर्स इस समय मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में दिन- रात जुटे हुए हैं। नींव बनाने के बाद मंदिर के पत्थर लगाने के लिए और ज्यादा कर्मचारी काम पर लगाए जाएंगे।

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