
सीतापुर: सपा सांसद आजम खां (Azam Khan) के परिवार के लिए शनिवार को एक अच्छी खबर आई। उनके बेटे अब्दुल्ला आजम (Abdulla Azam) की रिहाई शनिवार की रात हो गई है। वैसे तो यह रिहाई दिन में ही होनी थी, लेकिन रामपुर जेल से आए आदेश में तकनीकी दिक्कत की वजह से विलंब हुआ। वह आठ बजकर 45 मिनट पर सीतापुर जेल से रिहा हुए। अब्दुल्ला आजम सीतापुर जेल में 688 दिन रहे। शनिवार को उनकी रिहाई चार बजे होनी थी लेकिन, तकनीकी पेंच ने इंतजार बढ़ा दिया। दरअसल, क्वालिटी बार की जमीन को लेकर आजम और अब्दुल्ला पर मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमें धारा 467 व 468 लगी थी। विवेचना के दौरान इस मुकदमे में धारा 120बी भी बढ़ाई गई थी। अब्दुल्ला के रिहाई परवाना में बढ़ाई गई धारा 120बी का जिक्र नहीं था। इसी वजह से उनकी रिहाई में विलंब हुआ।
'जेल के अंदर आतंकवादियों जैसा सुलूक'
अब्दुल्ला आजम ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैं चुनाव लड़ूंगा और जीतूंगा भी। उन्होंने आरोप लगाया कि मेरे साथ जेल के अंदर आतंकवादियों जैसा सुलूक हुआ। उन्होंने कहा कि आजम खान ने जेल से अखिलेश यादव के लिए अपनी मोहब्बत और दुआएं दी हैं और 10 मार्च को वह दोबारा मुख्यमंत्री बनेंगे। वहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य के समाजवादी पार्टी में शामिल होने पर बोले कि वह बडे़ नेता हैं, उनके आने से सपा को फायदा होगा।
मंगलवार से शुक्रवार के बीच सीतापुर जेल को 12 मामलों का रिहाई का आदेश मिला। जेलर आरएस यादव ने बताया कि 43 मामलों में रिहाई परवाना आना था। शुक्रवार तक 12 आदेश मिले, 31 आने शेष थे। शनिवार को सब आदेश आदेश आ गए तो तकनीकी ने पेंच अटका दिया। इस वजह से दोबारा रामपुर जेल से संपर्क साधा गया। इसके बाद संशोधित रिहाई परवाना भेजने की कार्रवाई हुई। सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामपुर अखिलेश गंगवार यह संशोधित रिहाई परवाना लेकर करीब आठ बजे सीतापुर जेल पहुंचे। इसके बाद जेल में औपचारिकताओं को पूरा कर अब्दुल्ला आजम को रिहा किया गया।
अब्दुल्ला आजम की रिहाई को पुलिस प्रशासन सुबह से ही सजग था। कई जिलों से लोग सीतापुर गए। इसी के मद्देनजर जगह-जगह पुलिस तैनात रही। बाहर से आने वाली गाड़ियों की चेकिंग होती रही। लोगों से सीतापुर आने की वजह पूछी गई। गाड़ियों की तलाशी भी ली गई।
पूर्व विधायक महोली अनूप गुप्ता के जेल रोड आवास पर भी काफी भीड़ दिखी। बताया गया कि ये लोग अब्दुल्ला आजम की रिहाई की बात सुनकर सीतापुर पहुंचे हैं। पुलिस ने उनके घर के बाहर खड़े लोगों को खदेड़ा और गाड़ियों की जांच भी की। घर के अंदर से भी लोगों को निकाला गया। पूर्व विधायक के आवास के बाहर पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए। कोविड प्रोटोकाल व आचार संहिता के उल्लंघन पर केस दर्ज करने की हिदायत भी दी गई।
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