
उन्नाव: आजाद समाज पार्टी के संस्थापक व भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण (Chandrasekhar Azad) ने गुरुवार को देर रात दलित मृतक युवती के घर पहुंच कर उसके माता-पिता से मुलाकात की । भीम आर्मी चीफ ने पीड़ित परिवार से मुलाकात के दौरान हर संभव मदद की आश्वासन दिया है । डीएम व एसपी से मुलाकात कर फास्टट्रैक में मुकदमा ट्रायल कराकर दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दिलाए जाने की बात कही । वही पूरे मामले में लापरवाही बरतने वाले दरोगा व एसएचओ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग एसपी व डीएम से की है । भीम आर्मी चीफ ने पीड़ित परिवार को सरकार की तरफ से 2500000 की मदद किए जाने की मांग की है ।
बता दें कि सदर कोतवाली क्षेत्र के काशीराम कॉलोनी में रहने वाली एक दलित युवती का 10 फरवरी को सपा नेता स्वर्गीय फतेह बहादुर सिंह के दिव्यानंद आश्रम के बगल मैं खाली पड़े प्लाट में 4 फीट गहरे गड्ढे में दफनाया हुआ शव मिला था । पूर्व राज्य मंत्री के बेटे रजोल सिंह पर दलित युवती का अपहरण कर हत्या किए जाने का आरोप मृतका के परिजनों ने लगाया है । वहीं मृतका के परिजन रेप किए जाने का भी आरोप लगा रहे हैं । दलित युवती की मौत पर लगातार सियासत जारी है कांग्रेस के बाद अब भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण भी दलित परिवार का हितैषी बनकर मैदान में आ गए हैं । गुरुवार रात करीब 9:00 बजे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण मृतका के परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे । करीब 1 घंटे तक मृतिका के माता-पिता से बातचीत कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया ।
चंद्रशेखर ने की CBI जांत की मांग
परिवार से मुलाकात के बाद भीम आर्मी चीफ ने एसपी उन्नाव दिनेश त्रिपाठी व डीएम रविंद्र कुमार से भी मुलाकात की। मीडिया से बातचीत में भीम आर्मी चीफ ने बताया परिवार के आंसू अभी नहीं सूखे हैं और जितने जिम्मेदारों आरोपी है उतने जिम्मेदार व एसएचओ और दरोगा भी हैं। जिन्होंने न्याय को प्रभावित किया जिसकी वजह से देरी हुई बच्चे की गुमशुदगी जो रिपोर्ट लिखी जाती है वो भी नही दर्ज हुई । अपहरण की रिपोर्ट की मांग कर रहे थे वो भी नहीं दर्ज हुई अगर वह समय से दर्द हो जाती और आरोपी पर कार्रवाई हो जाती तो मुझे लगता है कि आज वह बच्ची हमारे बीच जिंदा होती। हम यह प्रयास करेंगे कि जो कार्रवाई हो चुकी हैं उसमें निगरानी रखी जाए और क्योंकि इसमें अधिकारी कर्मचारी भी दोषी हैं तथा इसकी जांच जो है हमारी यह मांग है कि इस घटना की सीबीआई जांच हो । क्योंकि 62 दिन एक बच्ची का गायब होना और फिर पुलिस का उसमें इस तरह का व्यवहार यानी कि इसमें बड़े लोग इंवॉल्व है और अधिकारी कर्मचारी भी इंवॉल्व है। इन सब के खिलाफ मुकदमा लिख कर जेल भेजा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रशासन और पुलिस मिलकर न्याय करती तो शायद मुझे यहां नहीं आना पड़ता लेकिन अगर इतने बड़े घटना पर हमें आंदोलन करना पड़े। आपको लड़ना पड़े अपने हक के लिए सड़कों पर आना पड़े या अधिकारियों से अपनी मांगों के लिए कहना पड़े इसका मतलब पूरी सरकार और प्रशासन मिलकर वह जो ताकतवर लोग हैं मंत्री और तमाम नेता उनके आगे नतमस्तक है। यानी कि गरीबों को न्याय नहीं मिलेगा। हत्यारोपी के परिवार को खून के आंसू रुला फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चले। उन अधिकारियों की जांच कौन करेगा हम तो चाहते हैं कि सीबीआई जांच हो और और अधिकारियों की सुप्रीम कोर्ट के जजों के निगरानी में जांच हो।
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