13 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत कार्यक्रम हुआ। इस कार्यक्रम में जीजा और साली ने सात फेरे लिए और विभाग की ओर से मिलने वाले गिफ्ट भी उनको मिले। जबकि दोनों शादी-शुदा हैं और उनके बच्चे भी हैं।
महाराजगंज : उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। महाराजगंज (Maharajganj) में योजना का लाभ लेने के लिए एक शख्स ने अपनी ही साली से शादी कर लिया। हैरत की बात तो यह है कि इस दौरान उसकी पत्नी भी वहां मौजूद थी और हितग्राहियों की लिस्ट तैयार करने वाले समाज कल्याण विभाग ने भी उसके रजिस्ट्रेशन पर बकायदा मुहर लगा दी। शादी होने के बाद जब खुलासा हुआ तो जांच की बात कही जाने लगी।
13 सितंबर का है मामला
13 सितंबर को जिला मुख्यालय के महालक्ष्मी लॉन में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी की मौजूदगी में शादी के बंधन में बधने वाले 233 जोड़ों में कुछ ऐसे हैं, जो पहले से ही शादीशुदा हैं। इनमें से कई के तो बच्चे भी हैं। ये सभी योजना का अनुदान पाने के लिए शादी वाली जगह पर चुपचाप आकर बैठ गए। उन्होंने प्रशासन से नेग भी लिया। लेकिन अब मामला सामने आया तो पात्रता की जांच पड़ताल करने वाले कर्मचारियों-अधिकारियों के होश उड़ गए।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, 13 सितंबर को शासन के निर्देश पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का आयोजन जिला मुख्यालय के महालक्ष्मी लॉन में किया गया था। शादी में 233 जोड़ों का रजिस्ट्रेशन और वैरिफिकेशन के बाद उनके धर्म और रीति रिवाज से सामूहिक शादी कराई गई। वर-वधु को आशीर्वाद देने के लिए कार्यक्रम स्थल पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, जिलाधिकारी डॉ. उज्जवल कुमार, सीडीओ गौरव सिंह सोगरवाल समेत कई जनप्रतिनिधि आए थे। शादी के बाद वर-वधु को निर्धारित अनुदान और उपहार भेंट किया गया।
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सरकारी अनुदान के लिए साली से शादी
इस बीच सामूहिक विवाह में शामिल एक जोड़े की फर्जी शादी की सच्चाई पता चल गई। कोल्हुई थाना क्षेत्र के बड़िहारी का रहने वाले अमरनाथ चौधरी ने अपनी शादी-शुदा साली से सरकारी अनुदान के लिए शादी रचा ली। वह खुद भी शादीशुदा है और उसके बच्चे भी हैं। इस फर्जी शादी में उसकी पत्नी भी मौजूद थी। मामला उजागर होने के बाद हड़कंप मच गया। जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में बोलने से कतरा रहे हैं। ग्राम प्रधान मुरलीधर चौधरी का कहना है कि उनकी जानकारी में यह मामला बाद में आया। पहले जानकारी होती तो ऐसा होने ही नहीं देते। वहीं सीडीओ गौरव सिंह सोगरवाल का कहना है कि इसकी जांच कराई जाएगी। उसके बाद ही स्पष्ट रूप से कुछ बताया जा सकता है।
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