लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से बीजेपी को 1991 में पहली दफे जीत हासिल की थी। 1991 और 1993 में बीजेपी के सतीश भाटिया, 1996, 2002 और 2007 में सुरेश चंद्र तिवारी विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। साल 2017 में रीता बहुगुणा जोशी जीतीं। रीता बहुगुणा जोशी के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। 2019 में उपचुनाव हुए जिसमें बीजेपी के सुरेश चंद्र तिवारी जीते थे।
लखनऊ: लखनऊ कैंट विधानसभा सीट ऐसी सीट है, जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और दोनों ही दल मजबूत रहे हैं। लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से सात दफे बीजेपी और सात दफे ही कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को भी जीत मिली है। इस सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के उम्मीदवारों को इस सीट से कभी जीत नहीं मिली है। लखनऊ कैंट विधानसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो ये सीट आजादी के बाद शुरुआती साल में कांग्रेस का गढ़ रही है। इस विधानसभा सीट से 1957 में कांग्रेस के श्याम मनोहर मिश्रा, 1962 में कांग्रेस के बालक राम वैश्य, 1974 में कांग्रेस के चरण सिंह,साल 1980, 1985 और 1989 में कांग्रेस की प्रेमवती तिवारी और 2012 में कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीती थीं।
ये रहा है कैंट विधानसभा सीट का इतिहास
लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से बीजेपी को 1991 में पहली दफे जीत हासिल की थी। 1991 और 1993 में बीजेपी के सतीश भाटिया, 1996, 2002 और 2007 में सुरेश चंद्र तिवारी विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। साल 2017 में रीता बहुगुणा जोशी जीतीं। रीता बहुगुणा जोशी के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। 2019 में उपचुनाव हुए जिसमें बीजेपी के सुरेश चंद्र तिवारी जीते थे। 1967 में जनता पार्टी के कृष्णकांत, 1969 में भारतीय क्रांति दल के सच्चिदानंद और 1977 में निर्दल उम्मीदवार बीपी अवस्थी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।
कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुईं थी रीता
लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से साल 2017 के चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने कांग्रेस छोड़कर पार्टी में शामिल हुईं रीता बहुगुणा जोशी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को मात दी और इस विधानसभा सीट पर कब्जा बरकरार रखा।
12 बार ब्राह्मण उम्मीदवार ने की जीत हासिल
लखनऊ कैंट विधानसभा सीट के सामाजिक ताना-बाना की बात करें तो इस सीट पर ब्राह्मण उम्मीदवार अधिक जीते हैं। अब तक 12 बार ब्राह्मण उम्मीदवार इस सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। लखनऊ कैंट शहरी इलाके की विधानसभा सीट है। यहां वोटिंग पैटर्न पर जातीय फैक्टर नजर नहीं आता। इस विधानसभा क्षेत्र में हर जाति-वर्ग के मतदाताओं की अच्छी तादाद है।
लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से विधायक सुरेश चंद्र तिवारी का दावा है कि उनके कार्यकाल में इस विधानसभा क्षेत्र का चहुंमुखी विकास हुआ है। वहीं, विपक्षी दलों के नेता विधायक के दावों को हवा-हवाई बताते हुए ये कह रहे हैं कि इलाके की सभी समस्याएं जस की तस हैं। लखनऊ कैंट विधानसभा सीट के तहत कैंट, सदर बाजार, आलमबाग, आशियाना, कृष्णा नगर, चारबाग, मवैया नाका और तेलीबाग आते हैं।