UP कांग्रेस ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र, कहा- पीएम और सीएम समेत BJP नेताओं की रैलियों पर लगाई जाए रोक

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बड़ी रैली पर रोक लगाने और छोटी सभाओं, चौपाल, वर्चुअल मीटिंग व डोर टू डोर कैंपेन किए जाने की जरूरत भी बताई है। बृहस्पतिवार को यह जानकारी पार्टी नेता पीएल पुनिया, प्रमोद तिवारी, आराधना मिश्रा मोना व नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने संयुक्त प्रेस वार्ता में दी।

लखनऊ: अपने तीन दिवसीय दौरे पर आए चुनाव आयोग के अधिकारियों ने सभी राजनीतिक दलों से चुनावी चर्चा की थी, जिसमें बसपा- सपा समेत सभी पार्टियों के नेताओं ने अपना अपना पक्ष रखा था। इसी के बाद अब उत्तर प्रदेश कांग्रेस (UP Congress) ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री और भाजपा नेताओं की सरकारी खर्चे पर होने वाली रैलियों पर रोक लगाने की मांग की है। 

इसके अतिरिक्त कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) की आशंका को देखते हुए बड़ी रैली पर रोक लगाने और छोटी सभाओं, चौपाल, वर्चुअल मीटिंग व डोर टू डोर कैंपेन किए जाने की जरूरत भी बताई है। बृहस्पतिवार को यह जानकारी पार्टी नेता पीएल पुनिया, प्रमोद तिवारी, आराधना मिश्रा मोना व नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने संयुक्त प्रेस वार्ता में दी।

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सरकारी खर्च पर रैलियां कर सत्ता का दुरुपयोग कर रही बीजेपी: कांग्रेस
नेता विधानमंडल आराधना मिश्रा ने कहा कि भाजपा नेता सरकारी खर्च पर रैलियां करने के साथ ही असंवैधानिक भाषा का प्रयोग कर सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं। इस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए। उन्होंने अमेठी में अनुसूचित जाति की बच्ची के साथ हिंसा की घटना पर कहा कि प्रदेश में हर दिन महिलाओं के खिलाफ औसतन 135 अपराध हो रहे हैं। भाजपा सरकार ने महिला सुरक्षा फंड का 79 प्रतिशत धन महिलाओं के हित में न खर्च कर सिर्फ  झूठे प्रचार में बर्बाद कर दिया। उन्होंने पीड़ित बच्ची व परिवार से मिलने जा रहे कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को गिरफ्तार किए जाने को भाजपा सरकार की तानाशाही बताया।

यूपी में दलितों और महिलाओं और हो रही सर्वाधिक हिंसा
वहीं, पूर्व राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया ने कहा कि दलितों व महिलाओं पर सर्वाधिक हिंसा यूपी में हो रही है। इसका कारण अपराधियों को सरकार का संरक्षण मिलना है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अमेठी की पीड़ित बच्ची से फोन पर बात कर दोषियों को सजा दिलवाने का भरोसा दिया है। पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि आदित्यनाथ सरकार पूरे पांच साल पीड़ितों को धमकाकर अपराधियों को बचाती रही और घटनाओं पर पर्दा डालती रही। अमेठी की घटना भी उसी का दुष्परिणाम है। तो पूर्व मंत्री व मीडिया विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े सरकार के अपराध नियंत्रण के झूठे दावों को बेनकाब कर रहे हैं। महिला अपराधों के मामले में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है।

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