2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने निषाद पार्टी से सियासी समझौता किया है। दोनों के बीच हुए समझौते के तहत निषाद पार्टी के पाले में आने वाली सीटों पर कुछ उम्मीदवार बीजेपी के सिंबल पर भी चुनाव लड़ने की बात कही जा रह है। वहीं अन्यों को निषाद पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ने का विकल्प रहेगा।
अमितेश कुमार सिंह, गाजीपुर
सैदपुर विधानसभा सीट से सिटिंग एमएलए सुभाष पासी एक बार फिर सियासी चर्चाओं में बने हुए हैं। 2017 के चुनाव में समाजवादी पार्टी (Samajawadi Party) के सिंबल से विधायक बने पासी ने नवंबर 2021 में समाजवादी पार्टी को बीजेपी का दामन थाम लिया था। अब निषाद पार्टी (Nishad Party) से उनके चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है।
2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने निषाद पार्टी से सियासी समझौता किया है। दोनों के बीच हुए समझौते के तहत निषाद पार्टी के पाले में आने वाली सीटों पर कुछ उम्मीदवार बीजेपी के सिंबल पर भी चुनाव लड़ने की बात कही जा रह है। वहीं अन्यों को निषाद पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ने का विकल्प रहेगा। शनिवार को निषाद पार्टी ने अपने ऑफिसियल वाट्सएप ग्रुप से मीडिया को यह सूचना संप्रेषित की, कि सुभाष पासी ने निषाद पार्टी ज्वाइंन कर लिया है। इस बात की तसदीक के लिए जब एशियानेट हिन्दी ने निषाद पार्टी के लोगों से बातचीत की, तो उन्होंने बताया कि सुभाष पासी निषाद पार्टी के सिंबल पर सैदपुर से चुनाव लड़ेंगे। बीजेपी के साथ हुए सियासी समझौते के तहत सैदपुर की सीट निषाद पार्टी के पाले में आयी है। निषाद पार्टी से लड़ने के लिए पार्टी का प्राइमरी मेंबर होना जरूरी है। ऐसे में उन्होंने निषाद पार्टी ज्वाइन कर ली है। अब उनका वास्ता बीजेपी से नहीं है। अब वह निषाद पार्टी के साथ ही 2022 के चुनाव में राजनीतिक विकल्पों को तलाशने का काम करेंगे।
इन सियासी अटकलों पर विराम लगाने के मकसद से एशियानेट हिन्दी ने सुभाष पासी से भी बातचीत की। सुभाष पासी का कहना था कि बीजेपी के साथ निषाद पार्टी के हुए समझौते के तहत यह सीट निषाद पार्टी के पाले में गयी है। वह बीजेपी के सिंबल पर ही चुनाव निषाद पार्टी के कोटे से लड़ेंगे। इस दौरान रविवार की दोपहर एक लिस्ट भी शेयर होती दिखी, जिसमें सुभाष पासी का नाम भी शामिल था। लिस्ट में सुभाष पासी को सैदपुर से निषाद पार्टी का उम्मीदवार बताया गया था। हालांकि, बाद में निषाद पार्टी ने इस लिस्ट को फर्जी करार दिया। अब इनसब के बीच यह तो स्पष्ट हो चला है कि गाजीपुर की सैदपुर आरक्षित सीट निषाद पार्टी का कैंडिडेट ही चुनाव लड़ेगा, लेकिन यादव बहुल इस सीट पर निषाद पार्टी से लड़ना सुभाष पासी को सियासी पिच पर सफल होने का मौका देगा या नहीं, इस सवाल का जवाब तो दस मार्च को ही मिल पायेगा।