इलाहाबाद की हाईकोर्ट बेंच ने अमिताभ ठाकुर को जमानत दे दिया है। हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव सिंह की कोर्ट ने जमानत दी है. ठाकुर के खिलाफ लखनऊ के थाना हजरतगंज में वाराणसी की रेप पीड़िता द्वारा सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह करने के प्रकरण में दर्ज हुई एफआईआर में जमानत के संबंध में बहस हुई।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के रिटायर्ड IPS अमिताभ ठाकुर (Former IPS Amitabh Thakur) को सोमवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद की हाईकोर्ट बेंच ने अमिताभ ठाकुर को जमानत दे दिया है। हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव सिंह की कोर्ट ने जमानत दी है. ठाकुर के खिलाफ लखनऊ के थाना हजरतगंज में वाराणसी की रेप पीड़िता द्वारा सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह करने के प्रकरण में दर्ज हुई एफआईआर में जमानत के संबंध में बहस हुई।
इससे पहले 27 अगस्त को रेप पीड़िता की आत्महत्या से जुड़े मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया गया था। रेप पीड़िता ने अमिताभ पर,आपराधिक षड्यंत्र रचने और उन पर रेप करने के आरोपी सांसद अतुल राय को बचाने, मुख्तार अंसारी की शह पर पीड़िता के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने का भी आरोप लगा था। जानकारी के मुताबिक, पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की ओर से कोर्ट में पक्ष रखते हुए कहा गया है कि उन्हें फर्जी फंसाया गया है और जानबूझ के सुप्रीम कोर्ट के सामने अंतिम वीडियो में सात लोगों में केवल उन्हें ही मुजरिम बनाया गया।
जबकि उन्होंने मात्र अपने विधिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए, जो उनके पास सूचना आई थी उसे सक्षम अधिकारियों के पास कार्रवाई के लिए भेजा था. वहीं, सरकार की तरफ से इस मामले में अमिताभ ठाकुर के खिलाफ विरोध किया गया और अमिताभ के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए।
कौन हैं अमिताभ ठाकुर
बता दें कि 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. यूपी के सात जिलों में एसपी का पद संभाल चुके अमिताभ ठाकुर एक तेजतरर्रार और कड़क पुलिस अफसर के रूप में जाने जाते हैं। अमिताभ ठाकुर नेशनल आरटीआई फोरम के संस्थापक भी रहे हैं. उनकी पत्नी भी एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं।