कानपुर पुलिस ने दीवाली की रात एक 7 साल की बच्ची की हत्या के मामले में एक दंपती समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। जहां पति-पत्नी ने संतान की चाहत में पड़ोसी की बच्ची की हत्या करवा दी। फिर मासूम का लिवर और कलेजा पकाकर खा गए।
कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में दीवाली की रात हुई 7 साल की बच्ची की हत्या के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। अधिकारियों का कहना है कि इस दर्दनाक कांड का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि मासूम पड़ोसी था। जिसने अपने ही भतीजे से औलाद की चाह में मासूम बच्ची की बलि दिलवा दी। इस दिल दहला देने वाले केस में आरोपी की पत्नी ने भी पूरा साथ दिया।
दीवाली की रात खेला ऐसा शर्मनाक खेल
दरअसल, 14 नंवबर की रात को जिले के भदरस गांव में एक 7 साल की बच्ची का शव मिला था। जब मामले की जांच की गई तो सारी घटना की साजिश सामने आ गई। पुलिस ने इस कांड में एक दंपती समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पति-पत्नी ने काले जादू व तंत्र-मंत्र के चक्कर आकर एक बच्ची की हत्या करवा दी।
दरिंदों ने रेप के बाद मासूम का लिवर खाया...
बता दें कि आरोपी दंपति ने इस काम को अंजाम देने के लिए अपने भतीजे को रुपए भी दिए थे। भतीजे ने अपने दोस्त के साथ मिलकर पहले बच्ची के साथ रेप किया और फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि दरिंदों ने इसके बाद मासूम का लिवर निकालकर चाचा-चाची को दे दिया। दंपति ने पहले लिवर का आधा हिस्सा कुत्ते को खिलाया और कुछ दोनों ने मिलकर खा लिया।
पति-पत्नी ने बच्ची को मारकर उसका कलेजा मंगवाया
मामले की जांच रहे SP बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि इस घटना की साजिश पीड़ित परिवार के पड़ोस में रहने वाले परशुराम नाम के शख्स ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर रची थी। बता दें कि दोनों के शादी के 21 साल होने के बाद कोई संतान नहीं थी। दंपति ने किसी बाबा की बातों में लगकर तंत्र-मंत्र के चक्कर में पड़कर बच्ची की बलि देने की प्लानिंग बनाई। इसके लिए आरोपियों ने अपने दो भतीजों अंकुर और वीरेंद्र का इस्तेमाल किया। उन्होंने बच्ची का लिवर और कलेजा लाने को कहा था। पहले तो दोनों आरोपी पुलिस को गुमराह करते रहे, लेकिन आखिरकार वह टूट गए और अपना गुनाह कबूल कर लिया। जहां उन्होंने बताया कि चाच-चाची ने इस काम के लिए पैसे दिए थे।
काली मंदिर के पास खून से लथपथ पड़ा था बच्ची का शव
वहीं डीआईजी प्रतिविंदर सिंह ने बताया कि आरोपी अंकुर और वीरेंद्र ने शराब के नशे में धुत होकर बच्ची को चिप्स दिलाने के बहाने अपने साथ उठाकर ले गए। जहां दरिंदों ने इस शर्मनाक घटना को अंजाम दिया। जब मासूम कुछ देर तक घर नहीं लौटी तो । परिजन रात में उसकी तलाश करते रहे। पुलिस को भी इस मामले की जानकरी दी गई। रात में ही कुछ लोगों गांव में काली मंदिर के पास बच्ची का क्षत-विक्षत शव मिला। शरीर पर कपड़े नहीं थे। पास में ही खून से सनी उसकी चप्पलें पड़ी थीं।
सीएम योगी ने अफसरों को दिए ये निर्देश
बता दें कि इस घटना के मुख्य आरोपी दंपति परशुराम और सुनैना की शादी 1999 में हुई थी। उन्होंने संतान के लिए इलाज से लेकर मंदिर मस्जिद तक माथा टेका लेकिन उनको कोई औलाद नहीं हुई। फिर उन्होंने काले जादू में पड़कर इस काम को अंजाम दिलवाया। पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया है। जहां उनसे पूछताछ की जा रही है। वहीं इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने का अफसरों को निर्देश हैं।