लखनऊ में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर KGMU के कर्मचारी, मांगें ना पूरी होने पर सेवाएं बंद करने की दी चेतावनी

केजीएमयू में कर्मचारी अपनी मांगों को लेकरअनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं। उनकी मांग है कि उनका वेतन मान पीजीआई के बराबर किया जाए। अगर मांगे नहीं पूरी की गई तो इमरजेंसी सेवाएं भी बंद करने पर बाध्य होंगे। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 16, 2021 3:08 PM IST / Updated: Nov 16 2021, 08:39 PM IST

लखनऊ. (उत्तर प्रदेश).  किंग जार्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय ( KGMU) में कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं। उनकी मांग है कि उनका वेतन मान पीजीआई के बराबर किया जाए। अगर मांगे नहीं पूरी की गई तो इमरजेंसी सेवाएं भी बंद करने पर बाध्य होंगे। वहीं कर्मचारियों की इस हड़ताल की वजह से भर्ती मरीजों को इलाज और जांच में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है उनके तीमारदार अपने मरीज को लेकर जांच के लिये दर-दर भटक रहे है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है तीमारदारों का कहना है कि सुबह 9 बजे उनका मरीज जांच कराने के लिये खाली पेट है लेकिन दोपहर का 2 बज गया है लेकिन अभी तक जांच नहीं हो पाई है।
 
PGI के समान वेतनमान की मांग कर रहे कर्मचारी

वही अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे केजीएमयू के कर्मचारी अध्यक्ष प्रदीप गंगवार ने कहा हमारी मांगो को लेकर आज 5 साल हो गए है लेकिन हमने कोई धरना प्रदर्शन नहीं किया जिससे प्रदेश की जनता को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य हानि हो। कोरोनाकाल में भी हमारे कर्मचारियों ने दिन रात मेहनत की। यहां लगभग 10 लाख जांचे हुई हमारे सारे कर्मचारी उन जांचों को करने में डटे रहे। 500 बेडो पर करीब 10 हजार से ज्यादा मरीज एडमिट हुए। जिनकी कर्मचारियों ने सेवाए की। जिसमें करीब 21 कर्मचारी शहीद हो गए, लेकिन ना तो उन्हें कोई वित्तीय लाभ दिया गया है ना मुआवजा उनके परिवार को मिला है उनका जो अधिकारी था कि संवर्गीय पुनर्गठन हो जाये जिससे उनके परिवार को मृतक आश्रित में परिजनों को नौकरी मिल सके, लेकिन किसी भी तरह की वित्तीय लाभ कर्मचारियों को नहीं दी गई है जो पूरी तरह से संवेदनहीनता है और इसी संवेदनहीनता के खिलाफ ये आंदोलन है।

5 साल से कर्मचारियों को नहीं मिला कोई लाभ

कर्मचारी परिषद के महामंत्री राजन यादव ने बताया 23 अगस्त 2016 को केजीएमयू के कर्मचारियों को पीजीआई के समान वेतनमान और भत्तों देने का शासनादेश हुआ था लेकिन 5 साल बाद भी कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिला है। जिसकी मुख्य वजह संवर्गीय पुनर्गठन ना होना। संवर्गीय पुनर्गठन ना होने के कारण ना तो किसी कर्मचारी का प्रमोशन वो पा रहा है ना ही एसीपी का लाभ ही मिल पा रहा है ऐसी तमाम सारी वित्तीय लाभ है जो कर्मचारियों को नहीं मिल पा रही है हम लगातार अपनी मांगों को लेकर शासन और सरकार स्तर पर पत्राचार किया नोटिस दिया। जिसको लेकर हर बार हमे आश्वासन मिला कि अब हो जाएगा तब हो जाएगा। लेकिन 5 सालों से ये अनवरत प्रक्रिया चली आ रही है। जिसके कारण हमें बाध्य होकर अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लेना पड़ा है।
 
मांगें ना पूरी होने पर इमरजेंसी सेवाएं भी बंद करने की चेतावनी

प्रदेश के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेजों में एक केजीएमयू में जहां राज्य के कोने-कोने से मरीज आते है उनको आने वाले वक्तों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि अभी ऑफिस स्टाफ ही हड़ताल में आया है अभी ट्रामा सेंटर, क्यूंमेरी, ICU जैसी इमरजेंसी सेवाएं चल रही है लेकिन अगर हमारी मांगे पूरी नहीं की गई तो कल इमरजेंसी सेवाएं भी बंद करा सकते है जिसके कारण होने वाली समस्याओं की जिम्मेदारी शासन और सरकार की होगी।

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