लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ के सोशल मीडिया कंपनी में काम करन वाले युवक पार्थ श्रीवास्तव ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। लेकिन मरने से पहले उसने सोशल मीडिया प दो पन्ने का सुसाइड नोट लिखकर ट्वीट किया था। जिसमें मरने की वजह और जिम्मेदारों के नाम लिखे थे। लेकिन वह ट्वीट डिलीट हो गया।
लखनऊ. राजधानी लखनऊ से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। सीएम योगी आदित्यनाथ की सोशल मीडिया टीम में काम करने वाले पार्थ श्रीवास्तव ने फांसी लगाकर खुदखुशी कर ली। युवक ने आत्महत्या करने से पहले दो पन्ने का सुसाइड नोट लिखकर ट्वीट किया है। जिसमें गुनहागारों के नाम के साथ मरने की वजह भी लिखी है। इस नोट को मुख्यमंत्री को टैग करते हुए लिखा है कि मेरी मौत एक कत्ल है। लेकिन घटना के कुछ देर बाद ही इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया।
पिता अस्पताल ले गए..लेकिन नहीं बचा बेटा
दरअसल, यह घटना बुधवार के सुबह की बताई जा रही है, जहां पार्थ श्रीवास्तव नाम के नौजवान ने अपने घर वैशाली एनक्लेव इंदिरानगर में रस्सी से फंदा बनाकर सुसाइड कर लिया। किसी तरह से पिता रविंद्र नाथ श्रीवास्तव ने अपने बेटे को रस्सी से खोलकर उतारा और राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। लेकिन डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया।
इन दो लोगों की वजह से युवक ने की आत्महत्या
28 साल के पार्थ सीएम योगी आदित्यनाथ के सोशल मीडिया अकाउंट्स को चलाने वाली कंपनी कंपनी में काम करता था। लेकिन वह अपने साथ हो रही गुटबाजी और राजनीति से परेशान हो गया था। आपको बता दें पार्थ ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था, 'मेरी आत्महत्या एक कत्ल है जिसकी जिम्मेदार शैलजा और उनका साथ देने वे पुष्पेंद्र सिंह हैं।’ पार्थ के सुसाइड नोट के मुताबिक, उसे इस कदर प्रताड़ित किया गया कि उसने जिदंगी जीने से आसान मौत को गले लगाना समझा।
पार्थ के दोस्त ने सबसे पहले देखा था सुसाइड नोट
पार्थ ने अपने सुसाइड नोट को सीएम के साथ ट्वीट में सूचना निदेशक शिशिर सिंह को टैग किया था, लेकिन ट्वीट रहस्यमय परिस्थितियों में डिलीट भी हो गया। पार्थ के दोस्त आशीष पांडे ने सोशल मीडिया पर पार्थ के ट्विटर और फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए जस्टिसफॉरपार्थ कैंपेन शुरू किया है। जिसके बाद यह सुसाइन नोट वायरल हो गया।