राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लखनऊ के लोक भवन में मंगलवार को डॉ.भीमराव आम्बेडर सांस्कृतिक केंद्र का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने अपना भाषण भी दिया। जिसमें उन्होंने भीम राव अंबेडकर, भगवान गौतम बुद्ध से लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के बारे में बात की। साथ ही यूपी सरकार की सरहाना भी की।
कानपुर (उत्तर प्रदेश). राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उत्तर प्रदेश दौरे का आज आखिरी दिन है। मंगलवार को महामहिम ने राजधानी लखनऊ में अंबेडकर स्मारक और कल्चरल सेंटर का शिलान्यास किया। इसी मौके पर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत राज्य के तमाम नेता मौजूद थे। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने करीब 20 मिनट का भाषण भी दिया। इस संबोधन में उन्होंने भीम राव अंबेडकर, भगवान गौतम बुद्ध से लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के बारे में बात की। जहां उन्होंने 3 बार सीएम योगी और एक बार पीएम मोदी के नाम का जिक्र किया। साथ ही कई अहम बातें करते हुए यूपी सरकार की सरहाना भी की। आइए जानते हैं राष्ट्रपति के संबोधन की बड़ी बातें...
1. 'भवतु सत मंगलम' हो रहा आज साकार
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन की शुरूआत संविधान के रचयिता डॉ. भीमराव आम्बेडकर से की। उन्होंने कहा कि बाबासाहब के जीवन-मूल्यों और आदर्शों के अनुरूप समाज व राष्ट्र का निर्माण करने में ही हमारी वास्तविक सफलता है। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध ने 'भवतु सत मंगलम' का मंत्र दिया था। बाबा साहब भी इस मंत्र को दोहराते थे। कहते थे कि सरकारों का यही दायित्व और कर्तव्य है। यानि सरकार के कामों से जनता खुश हो और सरकार के फैसले से जनता की भलाई हो। हालांकि, राजनीतिक इसे अलग नाम से पुकार सकते हैं, जैसे सबका विकास, सबका विश्वास..आज की सरकार इस दिशा में अच्छा काम कर रही है। इस बात की मुझे खुशी है। आज 'भवतु सत मंगलम' मंत्र सही साकार होता हुआ दिख रहा है।
2. आज के दिन के लिए सीएम योगी को दी बधाई
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में दूसरी बड़ी बात कहते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ की। कहा कि लखनऊ में अंबेडकर स्मारक और कल्चरल सेंटर का शिलान्यास का आज के समय का चयन करने के लिए मैं मुख्यमंत्री को बधाई देता हूं। क्योंकि आज के ही दिन 93 साल पहले डॉ. अंबेडकर ने समता मूलक समाज की परिकल्पना की थी। इसलिए इस दिन का बड़ा महत्व है।
3. बाबा साहब की सोच को आगे बढ़ा रही है मोदी और योगी सरकार
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि साल 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में अंबेडकर इंटरनेलशन सेंटर की स्थापना की। जिसका उद्देशय पूरी दुनिया में बाबा साहब के विचारों का प्रचार-प्रसार करना है। आज उसी सोच को यूपी के सीएम योगी जी आगे बढ़ाया है। यूपी सरकार की जितनी तारीफ की जाए वह कम है। इसके लिए मैं यहां के शासन और प्रशासन को धन्यवाद देता हूं।
4. सब कहते हैं हम भारतीय हैं, लेकिन बाबा साहब कुछ और कहते थे
राष्ट्रपति ने भाषण में कहा कि आजादी के समय भी भेदभाव की बाते होती थीं।सौहार्द पूर्ण माहौल के लिए देश के सारे नेता कहते थे कि हम अलग-अलग समुदाय या पार्टी के हो सकते हैं, लेकिन सबसे पहले हम लोग भारतीय हैं। यह विचार देश के लिए अच्छे थे, लेकिन बाबा साहब इससे और आगे का सोचते थे। वह कहते थे कि हम भरातीय हैं..पहले भी भारतीय हैं और आखिर में भी भारतीय ही हैं। यानि उनके दिमाग में कभी जाति-धर्म और संप्रदाय जैसे शब्द कभी नहीं आते थे।
5. महिलाओं कई अधिकार बाबा साहब ने दिलाए
राष्ट्रपति ने कहा कि अंबेडकर जी शुरू से ही महिलाओं को उनका हक और अधिकार दिलाने की बात करते थे। वह कहते थे कि देश तभी विकास कर सकता है जब हर महिला का विकास हो। वह पुरुष के साथ कंधे से कंधे मिलाकर साथ चलें। इतना ही नहीं बाबा साहब ने महिलाओं को वोटिंग का अधिकार भी दिलाया। वर्तमान के समय भी महिलाओं को समानता, विवाह, संपत्ति समेत अन्य कई मामलों बराबर का अधिकार मिलने की दिशा में काम हो रहा है।
6. बाबा साहब के विजन की 4 सबसे महत्वपूर्ण बातें
महामहिम ने कहा कि बाबा साहब के ‘विजन’ में चार बातें सबसे महत्वपूर्ण रहीं हैं। ये चार बातें हैं - ‘नैतिकता’, ‘समता’, ‘आत्म-सम्मान’ और ‘भारतीयता’। इन चारों आदर्शों तथा जीवन मूल्यों की झलक बाबासाहब के चिंतन एवं कार्यों में दिखाई देती है।
डॉक्टर भीमराव आंबेडकर एक शिक्षाविद, अर्थ-शास्त्री, विधिवेत्ता, राजनीतिज्ञ, पत्रकार, समाज-शास्त्री व समाज सुधारक तो थे ही, उन्होंने संस्कृति, धर्म और अध्यात्म के क्षेत्रों में भी अपना अमूल्य योगदान दिया है।
7. लखनऊ शहर से बाबा साहब खास रिश्ता रहा
राष्ट्रपति ने अपने आखिरी संबोधन में कहा कि लखनऊ शहर से बाबा साहब आंबेडकर का भी एक खास संबंध रहा है, जिसके कारण लखनऊ को बाबा साहब की ‘स्नेह-भूमि’ भी कहा जाता है। बाबा साहब के लिए गुरु-समान, बोधानन्द जी और उन्हें दीक्षा प्रदान करने वाले भदंत प्रज्ञानन्द जी, दोनों का निवास लखनऊ में ही था।