
बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh News) के बुलंदशहर (Bulandshahr)की एक स्थानीय अदालत ने 2018 स्याना भीड़ हिंसा मामले में 36 आरोपियों के खिलाफ राजद्रोह (sedition) का आरोप दर्ज करने की अनुमति दी है, जिसमें एक पुलिस अधिकारी सहित दो व्यक्तियों की मौत हो गई थी.। यह जानकारी अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को दी। बुलंदशहर (Bulandshahr Violence) के चिंगरावती गांव के बाहर मवेशी के शव मिलने के बाद हुई हिंसा में गोली लगने से पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह और एक स्थानीय निवासी सुमित की मौत हो गई थी।
पुलिस ने मामले के संबंध में दो रिपोर्ट दर्ज की थी। पहली रिपोर्ट भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से संबंधित थी। पुलिस ने तब योगेश राज समेत 27 लोगों और करीब 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। दूसरी रिपोर्ट गोकशी में शामिल लोगों के खिलाफ दर्ज की गई थी।
योगेश राज को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सितंबर 2019 में जमानत दे दी थी, जिसका मारे गए पुलिस अधिकारी की पत्नी रजनी ने उच्चतम न्यायालय में विरोध किया था। योगेश ने मई 2020 में वार्ड नंबर 5 से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता था। इस साल जनवरी में उच्चतम न्यायालय में जमानत खारिज होने के बाद उसने अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था।
सरकार ने जून 2019 में पुलिस को आरोपियों पर राजद्रोह का आरोप भी शामिल करने की अनुमति दी थी। अब अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने पुलिस को भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह) के तहत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की अनुमति दे दी है।
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।