UP Chunav 2022: चौथे चरण की 59 सीटों पर मतदान शुरू, इन दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी

चौथे चरण में सूबे की राजधानी लखनऊ और रायबरेली जिले सहित कुल 9 जिलों की 59 सीटों पर 624 उम्मीदवार मैदान में हैं। योगी सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों सहित कई बीजेपी नेताओं की साख दांव पर लगी है तो सपा, बसपा और कांग्रेस के हाईप्रोफाइल नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 23, 2022 1:48 AM IST / Updated: Feb 23 2022, 07:56 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 18वीं विधानसभा के गठन के लिए नौ जिलों के 59 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान शुरू हो गया है। पोलिंग पार्टियों ने मतदान प्रक्रिया को प्रारंभ करने के लिए पहले माक पोलिंग से ईवीएम को परखा। चौथे चरण में चार मंत्रियों सहित 624 प्रत्याशी मैदान में हैं। 2017 में नौ जिलों की 59 सीटों में से 51 भाजपा गठबंधन के पास थीं। चार पर समाजवादी पार्टी तथा दो-दो पर बसपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी।

चौथे चरण में पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, बांदा व फतेहपुर में मतदाता सुबह से ही मतदान करने से लिए लाइन में लगे हैं। चौथे चरण में 2.13 करोड़ मतदाता 624 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इनमें 91 महिला प्रत्याशी हैं। इस चरण में 16 सीटें सुरक्षित हैं। चुनाव आयोग ने निष्पक्ष व शांतिपूर्ण मतदान के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। 2017 में इन सीटों पर 62.55 प्रतिशत मतदान हुआ था। 

लखनऊ की दो सीटों पर योगी के मंत्री
लखनऊ पूर्वी विधानसभा सीट को बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है। 1991 से लेकर 2017 तक बीजेपी जीत दर्ज करती आ रही है। बीजेपी से आशुतोष टंडन एक बार फिर से चुनावी मैदान में हैं तो सपा ने अनुराग भदौरिया को उतारा है। कांग्रेस ने छात्र नेता रहे मनोज तिवारी और  बीएसपी ने आशीष सिन्हा ताल ठोक रहे हैं। ऐसे ही लखनऊ कैंट सीट पर बीजेपी से बृजेश पाठक को उतारा है, जो योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री है जबकि सपा ने राजू गांधी को प्रत्याशी बना रखा है। बसपा ने ब्राह्मण व्यवसायी अनिल पांडेय हैं तो कांग्रेस से सिख समुदाय के दिलप्रीत सिंह विर्क को मैदान में हैं।

सरोजनी नगर सीट पर सभी की नजर
लखनऊ की हाई प्रोफाइल सीट सरोजनी नगर पर सभी की निगाहें है। बीजेपी ने इस सीट पर  मौजूदा विधायक स्वाति सिंह का टिकट काटकर ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर रहे राजेश्वर सिंह को उतारा है, जिनके सामने सपा ने पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा को उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। कांग्रेस से रुद्र दमन सिंह उर्फ बबलू सिंह को तो बसपा ने जलीस खान को उतारा है। मुस्लिम और दलित वोट बैंक के सहारे जीत के लिए बसपा मैदान में तो सपा ने यादव-ब्राह्मण-मुस्लिम समीकरण के सहारे है। बीजेपी इस सीट पर ठाकुर और शहरी वोटों के सहारे जीत की उम्मीद लगाए है. राजेश्वर सिंह और अभिषेक मिश्रा के चलते ब्राह्मण बनाम ठाकुर के बीच बीच सियासी वर्चस्व की जंग हो रही। 

रायबरेली सीट पर अदिति सिंह के लिए चुनौती 
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली जिले की पांच सीटों पर चौथे चरण में मतदान है. रायबरेली की सदर विधानसभा सीट पर  बीजेपी की प्रत्याशी अदिति सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। जिनके पिताजी कांग्रेस से 1993 से 2017 तक लगातार विधायक रहे और 2017 में में अदिति ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता. लेकिन इस बार अदिति सिंह बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।  अदिति सिंह के सामने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आरपी यादव हैं. कांग्रेस ने इस सीट पर मनीष सिंह चौहान को को उतारा है तो बसपा से मोहम्मद अशरफ चुनाव लड़ रहें। 

ऊंचाहार सीट पर मनोज बनाम अमरपाल
ऊंचाहार विधानसभा सीट रायबरेली जिले की सबसे हॉट सीट बन चुकी है. सपा से विधायक मनोज पांडेय हैट्रिक लगाने के लिए उतरे हैं तो बीजेपी ने अमरपाल मौर्य को उतारा है. अमरपाल मौर्य बीजेपी प्रदेश महामंत्री हैं। जिनके लिए अमित शाह और राजनाथ सिंह प्रचार करने आ चुके हैं. वहीं, बीजेपी के बागी नेता अतुल सिंह को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है तो बसपा से अंजली मौर्य चुनाव लड़ रही हैं. यह सीट सपा के लिए प्रतिष्ठा बनी हुई है तो बीजेपी ने कमल खिलाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। 

हरदोई में नितिन अग्रवाल की साख दांव पर 
हरदोई सदर विधानसभा सीट से बीजेपी ने नितिन अग्रवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है. उनका सीधा मुकाबला सपा के अनिल वर्मा से है। नितिन अग्रवाल पूर्व सांसद व मंत्री रहे नरेश अग्रवाल के बेटे हैं। नितिन अग्रवाल तीन बार से विधायक बन रहे हैं और अब चौथी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं। हरदोई सदर सीट पर बसपा से शोभित पाठक उर्फ सनी और कांग्रेस से आशीष कुमार सिंह चुनाव मैदान में है। ऐसे में देखना है कि नितिन अग्रवाल अपनी जीत का सिलसिला जारी रख पाते हैं कि नहीं। 

संडीला सीट पर बसपा के पूर्व मंत्री 
हरदोई की संडीला विधानसभा सीट पर बसपा के दिग्गज नेता व पूर्व मंत्री अब्दुल मन्नान की साख दांव पर लगी है। मन्नान एक बार फिर से संडीला सीट से चुनावी मैदान में हैं, जिनके खिलाफ सपा की सहयोगी भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के प्रदेश अध्यश्र सुनील अर्कवंशी किस्मत आजमा रहे। वहीं, बीजेपी से अलका सिंह चुनाव मैदान में है. संडीला सीट पर बसपा और सुभासपा दोनों की दलों की प्रतिष्ठा यहा दांव पर लगी है तो बीजेपी भी अपना किला बचाए रखने की कवायद में है। 

हुसैनगंज सीट पर योगी के मंत्री
फतेहपुर जिले में हुसैनगंज सीट पर सभी की निगाहें लगी है, यहां से योगी सरकार के राज्य मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी सिंह मैदान में हैं। इस सीट से सपा ने पूर्व मंत्री मुन्ना लाल मौर्य की पत्नी उषा मौर्या को चुनावी मैदान में उतारा है। कांग्रेस से शिवाकांत तिवारी तो बसपा से फरीद अहमद चुनाव लड़े रहे हैं। यह सीट यादव, मुस्लिम बहुल मानी जाती है, लेकिन बसपा के मुस्लिम कैंडिडेट के उतरने से सपा के लिए चुनौती बढ़ गई है। फतेहपुर जिले की आयहशाह सीट पर सपा के दिग्गज नेता विशंभर प्रसाद निषाद चुनाव लड़ रहे हैं, जो कई बार सांसद रह चुके हैं और मौजूदा समय में राज्यसभा सदस्य हैं। 

बिंदकी सीट पर अनुप्रिया पटेल के दिग्गज नेता 
फतेहपुर की बिंदकी विधानसभा सीट पर एनडीए गठबंधन अपना दल (एस) से चुनाव लड़ रहे प्रदेश सरकार के कारागार राज्य मंत्री जय कुमार सिंह जैकी की किस्मत दांव पर लगी हुई है। इससे पहले जय कुमार जैसी फतेहपुर की जहानाबाद विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे और इन्हें योगी सरकार में मंत्री बनाया गया था. लेकिन इस बार इनकी सीट बदल दी गई और इस चुनाव में जयकुमार जय की बिन्दकी सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इस सीट से समाजवादी पार्टी ने रामेश्वर गुप्ता दयालु को अपना प्रत्याशी बनाया है। बिंदकी में बसपा ने सुशील दोषी को अपना उम्मीदवार बनाया है वही कांग्रेस में अभिमन्यु सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। 

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