
अनमोल शर्मा, मेरठ
यूपी विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha chunav 2022) के लिए शंखनाद हो गया है, ऐसे में सबकी निगाहें मेरठ की हस्तिनापुर विधानसभा (Hastinapur vidhansabha seat) सीट पर टिकी है। इतिहास गवाह है कि यहां की जनता जिस पार्टी के प्रत्याशी को जीत दिलवाती है, उसकी पार्टी सूबे में सत्ता हासिल करती है। इतना ही नहीं, यहां का ये भी इतिहास है कि कोई भी विधायक लगातार दो बार जीत हासिल नहीं कर सका।
वर्तमान में है भाजपा का विधायक
1994 के बाद हस्तिनापुर की जनता ने 2017 मोदी लहर में भाजपा को वोट दी और जीत दिलाई। यहां भाजपा के दिनेश खटीक विधायक बने और फिर 5 साल पूरे होते होते विधायक को राज्य मंत्री भी बना दिया गया। दिनेश खटीक ने मोदी लहर में 30 हजार से ज्यादा वोट से जीत हासिल की थी। इस बार भी दिनेश खटीक को टिकट मिलना लगभग तय माना जा रहा है।
मंत्री बनकर भी हारे हैं इस सीट से विधायक
सपा सरकार में विधायक बने प्रभु दयाल वाल्मीकि को अखिलेश यादव ने 2012 की जीत के बाद मंत्री बना दिया था, यहां की जनता ने 2017 में प्रभु दयाल वाल्मीकि के मंत्री पद का भी लिहाज नहीं किया और हरवा दिया। इस बार भाजपा के विधायक दिनेश खटीक को भी मंत्री पद दिया गया है और ऐसा माना जा रहा है कि ये भी जीत नहीं पाएंगे।
सुरक्षित सीट पर मुस्लिम वोट का प्रभाव
हस्तिनापुर विधानसभा में 3 लाख 50 हजार वोटर हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में 3 लाख 36 हजार वोटर थे। इस सीट पर मुस्लिमों की संख्या सबसे ज्यादा है। करीब एक लाख मुस्लिम वोटर हैं। दूसरे नंबर पर एससी/एसटी हैं, जिनकी संख्या 63 हजार है। गुर्जर वोटर की संख्या 56 हजार है। जाट 26 हजार, सिख 13 हजार, यादव 10 हजार, वाल्मीकि 8 हजार वोटर हैं। ब्राह्मण 7 हजार हैं। अन्य वोटों में सैनी, कश्यप, धीमर, खटीक, प्रजापति, गिरी हैं। यह सीट भले ही एससी कोटे की हो, लेकिन यहां मुस्लिम वोटों की संख्या सबसे अधिक है।
जिसका रहा विधायक उसकी बनी सरकार
2017 में भाजपा से दिनेश खटीक बने विधायक तो भाजपा की सरकार यूपी में बनी, 2012 में सपा के प्रभु दयाल वाल्मीकि को जनता का प्यार मिला तो अखिलेश यादव सीएम बने, 2007 में बसपा से योगेश वर्मा ने जीत हासिल की तो बसपा सुप्रीमो मायावती के सर पर मुख्यमंत्री का ताज सजा। 2002 में सपा के प्रभु दयाल वाल्मीकि ने जीत दिलवाकर मुलायम सिंह को मुख्यमंत्री की गद्दी दिलवाई। इस बार जहाँ एक तरफ गठबंधन मजबूत है तो वहीं योगी आदित्यनाथ के हिंदूवादी चेहरे को मुस्लिम बहुल विधानसभा में क्या जनता एक बार फिर भाजपा को जीत दिलाएगी या तख्तापलट होगा।
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।