श्रीराम मिशन के राष्ट्रीय संयोजक सचिन अवस्थी और संरक्षक रमेश अवस्थी ने किया सफाईकर्मियों और करोना वॉरियर्स को किया सम्मानित केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और कानपुर महापौर रही उपस्थित
कानपुर : उत्तर प्रदेश (uttar pradesh) की उद्योग नगरी कानपुर (kanpur)में वाल्मीकि महोत्सव का आयोजन हुआ। इसमें कला, साहित्य और भक्ति-भाव के संगम के साथ सांप्रदायिक सौहार्द की बानगी भी देखने की मिली। श्री राम सेवा मिशन की ओर से आयोजित समारोह में बच्चों ने भजन प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरी तो कवित्री शबीना अदीब ने राम पर आधारित भजन गाकर महोत्सव का माहौल भक्तिमयी कर दिया। मर्चेंट चेंबर सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति (Niranjan Jyoti) ने बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं।
समारोह में सम्मान
इस कार्यक्रम में नेशनल मीडिया क्लब के चेयरमैन रमेश अवस्थी और श्री राम सेवा मिशन के राष्ट्रीय संयोजक सचिन अवस्थी ने मुख्य अतिथि साध्वी निरंजन ज्योति और महापौर प्रमिला पांडे को प्रतीक चिन्ह देकर उनको सम्मानित किया। इसके साथ ही कार्यक्रम में आए अन्य अतिथियों का भी स्वागत किया। समारोह में स्वच्छता सेनानियों, चिकित्सको, कोरोना वॉरियर्स और लेखकों को भी सम्मानित किया गया। सम्मान पाकर स्वच्छताकर्मी भाव विभोर हो गए। सम्मनित सफाई कर्मियों ने कहा कि यह पहला मौका है जब उन्हें इस प्रकार से मंच पर सम्मान मिला। उन्होंने श्री राम सेवा मिशन का आभार जताया।
भगवान राम का गुणगान
इस समारोह की मुख्य अतिथि साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा की मंदिर की बात करने पर जो लोग अभी तक हमें सांप्रदायिक कहते थे, अब वह खुद भगवा ओढ़कर घूम रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (narendra modi) की इच्छा का परिणाम है कि आज देश की राजनीतिक दिशा बदल चुकी है। मुख्य अतिथि के मुताबिक 500 साल तक लगातार संघर्ष के बाद कोर्ट का फैसला आया तो मुस्लिम पक्षकार ने भी अयोध्या में श्री राममंदिर के शिलान्यास में भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि ऐसा फैसला देने वाले न्यायाधीश भी इतिहास में अमर हो गए हैं। साध्वी ने कहा कि लोग कहते हैं कि हिंदू धर्म में छुआछूत था, अगर ऐसा होता तो प्रभु श्रीराम सबरी के जूठे बेर न खाते और ना ही कभी निषाद राज को अपने भाई भरत के समान बताते, जबकि सीता माता भी वाल्मीकि के आश्रम में रहती थीं। किसी भी उपनिषद या पुराण में जातियों का कोई उल्लेख ही नहीं है, यह भेदभाव तो बाद में पैदा किया गया। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने रामायण में प्रभु श्रीराम के पूरे जीवन को लिख दिया अगर श्री राम के आदर्श और मर्यादा को देखना है तो तुलसी कृत श्रीरामचरितमानस को पढ़ना चाहिए , तुलसी के रूप में महर्षि वाल्मीकि ही अवतरित हुए थे।
हमने सामाजिक सरोकार वाली मुहिम पर जोर दिया
श्रीराम सेवा मिशन के राष्ट्रीय संयोजक सचिन अवस्थी ने कहा कि उनकी संस्था ने पहले भी सामाजिक सरोकार से जुड़े कई मुहिम चलाई है, जिसमें ब्लड डोनेशन कैंप, नोएडा में गोवर्धन मठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती का कार्यक्रम, जिसमें धर्म संसद का आयोजन किया गया। कोरोना के समय में लोगों की हरसंभव मदद श्रीराम सेवा मिशन ने की। इसके साथ ही समाज हित में कई आयोजन भी किए गए। देश और समाज को ऐसे कार्यक्रम से लाभ मिलता है ऐसे आयोजन निरंतर जारी रहने चाहिए और उसी कड़ी में वाल्मीकि महोत्सव का आयोजन किया गया है। संस्था का संकल्प है कि भविष्य में सामाजिक सरोकार से जुड़े हुए आयोजन होते रहें, ताकि आम जनता को इसका लाभ मिलता रहे। वहीं नेशनल मीडिया क्लब के संस्थापक रमेश अवस्थी ने महर्षि वाल्मीकि के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वाल्मीकि जी का जीवन वर्तमान पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत है।
समारोह में संस्कृति की झलक
इस दौरान समारोह में संस्कृति की झलक देखने को मिली। कवि सम्मलेन में कवियों ने श्रोताओं का खूब मनोरंजन किया। कवि मुकेश श्रीवास्तव की कविताओं का श्रोताओं ने खूब बखान किया तो वहीं जब कवयित्री शबीना अदीब ने विराजे मोरे मन मंदिर में राम प्रस्तुत किया तो सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। कार्यक्रम का संचालन मुकेश श्रीवास्तव ने किया। इस दौरान पूर्व विधायक रघुनंदन भदौरिया, वीरेंद्र दुबे, भूपेश अवस्थी, राजेंद्र सिंह चौहान, रमेश वर्मा मनीष सक्सेना, अमिताभ मिश्रा, मनोज शुक्ला, सरबजीत, अजय शुक्ला, प्रसून तिवारी, रिंकू शर्मा संजय सिंह, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता शुभम अवस्थी,अनूप कुमार सहित बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी और समाजसेवी मौजूद रहे।