मोहसिन रजा की जगह दानिश आजाद को मिली योगी के मंत्रीमंडल में जगह, जानिए कैसा रहा अब तक का सफर

योगी आदित्यनाथ की सरकार में इकलौते मुस्लिम मंत्री के रूप में शामिल हुए हैं। युवा चेहरा और बुलंद आवाज। छह साल तक भाजपा से जुड़े छात्र संगठन यानी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ता रहे। दानिश उन चेहरों में हैं, जो पार्टी के लिए मेहनत करते रहे हैं। 2017 में इसका पहला इनाम भी उन्हें मिला।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शुक्रवार को योगी 2.0 सरकार में कई नए चेहरे शामिल हुए हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय के वरिष्ठ छात्र नेता रहे और वर्तमान में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री दानिश आजाद योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रिमंडल का मुस्लिम चेहरा बनाए गए। राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के पद के लिए दानिश आजाद ने शपथ ली है। मोहसिन रजा की जगह दानिश आजाद पर बीजेपी ने विश्वास जताया है। 

मोहसिन रजा की जगह ले सकते हैं दानिश
योगी आदित्यनाथ की सरकार में इकलौते मुस्लिम मंत्री के रूप में शामिल हुए हैं। युवा चेहरा और बुलंद आवाज। छह साल तक भाजपा से जुड़े छात्र संगठन यानी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ता रहे। दानिश उन चेहरों में हैं, जो पार्टी के लिए मेहनत करते रहे हैं। 2017 में इसका पहला इनाम भी उन्हें मिला। तब दानिश को उर्दू भाषा समिति का सदस्य बनाया गया। 2022 के चुनाव से ठीक पहले उन्हें भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का महामंत्री बनाया गया।

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बलिया के रहने वाले हैं दानिश आजाद
दानिश आजाद अंसारी मूल रूप से बलिया के बसंतपुर के रहने वाले हैं। उम्र 32 साल है। 2006 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से बी.कॉम की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद यहीं से मास्टर ऑफ क्वालिटी मैनेजमेंट फिर मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है। 

मुस्लिम युवाओं के बीच अच्छी पकड़
जनवरी 2011 में भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ गए। यहीं से दानिश के आजाद ख्यालात लखनऊ विश्वविद्यालय में गूंजने लगे। दानिश ने खुलकर एबीवीपी के साथ-साथ भाजपा और आरएसएस के लिए युवाओं के बीच माहौल बनाया। खासतौर पर मुस्लिम युवाओं के बीच। 

मेहनत का मिला इनाम
2017 में यूपी में भाजपा की सरकार बन गई। चुनाव में जिन-जिन लोगों ने मेहनत की थी, उन्हें इनाम मिला। इन्हीं में एक नाम था दानिश आजाद का। दानिश 299018 में फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी के सदस्य रहे। बाद में उन्हें उर्दू भाषा समिति का सदस्य बना दिया गया। ये एक तरह से दर्जा प्राप्त मंत्री का पद होता है। इस बार चुनाव से पहले अक्टूबर 2021 में दानिश को बड़ी जिम्मेदारी मिल गई। भाजपा ने अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री पद की जिम्मेदारी दे दी थी। 

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