उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री डा.धन सिंह रावत ने कहा कि इसे इसी साल नए शिक्षा सत्र से लागू किया जाएगा। उत्तराखंड इसे सबसे पहले लागू करने वाला पहला राज्य होगा। नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम तैयार किए जाने के लिए माध्यमिक शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में पूर्व में टास्क फोर्स गठित की गई थी।
देहरादून: उत्तराखंड में राज्य विश्वविद्यालयों की ओर से नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम तैयार किए जाने के लिए माध्यमिक शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में पूर्व में टास्क फोर्स गठित की गई थी। इसका उपाध्यक्ष उच्च शिक्षा मंत्री को बनाया गया था।
कुलपतियों को सदस्य के रूप में किया शामिल
उच्च शिक्षा मंत्री के अलावा कुमाऊं विवि के कुलपति एनके जोशी की अध्यक्षता में दून विवि, श्रीदेव सुमन विवि, उत्तराखंड मुक्त विवि एवं अल्मोड़ा विवि के कुलपतियों को सदस्य के रूप में पाठ्यक्रम निर्माण समिति के गठन में शामिल किया गया था।
एक और बैठक के बाद लाया जाएगा कैबिनेट
राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मुताबिक पिछले छह महीने की शिकायत के बाद उच्च शिक्षा में नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है। पाठ्यक्रम को मुख्य सचिव के सामने प्रस्तुतकर एक और बैठक होनी है। इसके बाद इसे कैबिनेट में लाया जाएगा।
च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम को किया जाएगा लागू
कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में फैकल्टी की कमी की वजह से वार्षिक परीक्षा प्रणाली को लागू किया गया था लेकिन अब इसे भी खत्म कर सेमेस्टर सिस्टम को लागू किया जाएगा। इससे संबंधित जल्द ही कोई निर्णय लिया जाएगा। साथ ही राज्य में सभी विश्वविद्यालयों में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू होगा। इसके अंतर्गत छात्रों का क्रेडिट बैंक बनेगा जिसके बाद उनका एक से दूसरे महाविद्यालयों में दाखिला इसी के आधार पर हो सकेगा।
विश्वविद्यालय में 30 फीसदी पाठ्यक्रम में होगा बदलाव
शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने बताया कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत जो पाठ्यक्रम तैयार किया गया है उसमें 70 फीसदी पाठ्यक्रम सभी विश्वविद्यालयों में समान रूप से लागू रहेगा। जबकि तीस प्रतिशत पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय अपने हिसाब से बदल सकेंगे। इतना ही नहीं पाठ्यक्रम को रोजगारपरक भी बनाया गया है। विश्वविद्यालयों के लिए पाठ्यक्रम तैयार किए जाने के बाद अब प्री प्राइमरी कक्षाओं के लिए भी पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है।
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