उत्तराखंड: 22 मई से खुलेंगे हेमकुंड साहिब के कपाट, हजारों की संख्या में यात्रियों का पहला जत्था हुआ रवाना

उत्तराखंड में हेमकुंड साहिब के कपाट 22 मई से खुलने जा रहे है। उसके लिए हजारों की संख्या में यात्रियों का पहला जत्था रवाना हो चुका है। वहीं दूसरी ओर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि चार दिन तक मौसम खराब रह सकता है। 

Asianet News Hindi | Published : May 21, 2022 11:50 AM IST

जोशीमठ: उत्तराखंड में यह समय श्रद्धालुओं के लिए सुनहरा अवसर है। एक तरफ चारधाम यात्रा कर रहे लोग तो वहीं दूसरी ओर हेमकुंड साहिब के कपाट 22 मई को खुलने जा रहे है। इसके लिए शनिवार यानी 21 मई को तीर्थ यात्रियों का पहला जत्था गोविंदघाट से पंच प्यारों की अगुवाई में रवाना किया गया। आज के दिन जत्था घांघरिया में यात्री विश्राम करेंगे फिर उसके बाद रविवार की सुबह पंच प्यारों की अगुवाई में हेमकुंड साहिब पहुंचेंगे।

मौसम विभाग ने दी चेतावनी
हेमकुंड साहिब पहुंचते ही कपाट विधिवत तरीके से खोल दिए जाएंगे। लेकिन कपाट खुलने के एक दिन पहले ही हेमकुंड साहिब में मौसम बदलता दिखने लगा है। मौसम को लेकर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि चार दिन तक मौसम खराब रह सकता है और खासकर पहाड़ों में और इस तरह से हेमकुंड यात्रा शुरू हो रही है। वहीं प्रशासन का दावा है कि तमाम इंतजाम कर लिए गए है और यात्रा को विधिवत आगाज किया जा रहा है।

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5000 यात्री एक दिन में करेंगे दर्शन
हेमकुंड गुरुद्वारा ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेंद्र सिंह बिंद्रा ने बताया कि उत्तराखंड में स्थित हेमकुंड साहिब के कपाट इस साल खुलने से पहले गोविंदघाट में अरदास, सबद कीर्तन और हुकुमनामा लिया। इसके बाद हजारों की संख्या में तीर्थयात्रियों को रवाना किया गया है। इस बार हेमकुंड साहिब में 5000 तीर्थयात्री एक दिन में दर्शन कर पाएंगे। प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए खासा इंतजाम कर रखे है। यात्रियों की बढ़ती संख्या और व्यवस्थाओं को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। साथ ही, यात्रियों के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है।

19 मई को पहले जत्था हुआ था रवाना
गौरतलब है कि इससे पहले 19 मई को उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश से यात्रियों के पहले जत्थे को रवाना किया गया था। तबसे तीर्थ यात्रियों में काफी उत्साह भी देखा गया है। चारधाम के बाद हेमकुंड में आने वाले यात्रियों का कहना है कि पिछले साल कोरोना महामारी के चलते धाम में नहीं पहुंच पाए थे लेकिन इस बार दो साल के बाद द्वार खुलने के बाद एक बार फिर से मत्था टेकने के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन वहीं हेमकुंड साहिब की यात्रा से एक दिन पहले आज 20 मई को बर्फबारी शुरू हो गई।

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