मनसा देवी मंदिर के नाम पर बना फर्जी ट्रस्ट, अखाड़ा अध्यक्ष बोले- धोखाधड़ी करने वालों से मेरी जान को है खतरा

उत्तराखंड की धार्मिक नगरी हरिद्वार में मनसा देवी ट्रस्ट के अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कर्मचारियों के साथ ही सरकारी अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मनसा देवा ट्रस्ट जब पहले से है तो उसे दोबारा रजिस्टर कर फर्जी ट्रस्ट चलाने का प्रयास हो रहा है।

Pankaj Kumar | Published : Apr 22, 2022 9:39 AM IST

हरिद्वार: उत्तराखंड की धर्मनगरी में देवी के नाम पर भक्तों से ठगी किए जाने का मामला सामने आया है। इस मामले पर अखिल भारतीय परिषद अध्यक्ष खासे नाराज दिख रहे हैं। राज्य के प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर के नाम पर फर्जी ट्रस्ट बनाकर श्रद्धालुओं और भक्तों से पैसे ठगे जा रहे है। इस पर वास्तविक मनसा देवी ट्रस्ट के सदस्य अनिल शर्मा ने हरिद्वार कोतवाली में नौ लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। श्रद्धालुओं और भक्तों से पैसे ठगे के मामले की शिकायत कर मंदिर के वास्तविक ट्रस्ट के सदस्य ने मुकदमा दर्ज कराया है। 

मंदिर की संपत्ति को चाहते है हड़पना
प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर के नाम पर फर्जी ट्रस्ट बनाकर श्रद्धालुओं और भक्तों से पैसे ठगने के मामले की शिकायत करते हुए वास्तविक मनसा देवी ट्रस्ट के सदस्य अनिल शर्मा ने हरिद्वार नगर कोतवाली में 9 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने इस बारे में जांच पड़ताल शुरू कर दी है। तो वहीं मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष और आखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि मंदिर समिति के कुछ कर्मचारी अन्य लोगों के साथ मिलकर मंदिर की संपत्ति को हड़पना चाहते है। मंदिर को हड़पने की साजिश हो रही है। 

अखाड़ा अध्यक्ष ने रजिस्ट्रार की बताई मिलीभगत
मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने धोखाधड़ी करने वालों से अपनी जान को खतरा भी बताया। इतना ही नहीं उन्होंने फर्जी ट्रस्ट तैयार करने में पुरी ने रजिस्ट्रार की भी मिलीभगत बताई। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि रजिस्ट्रार की मिलीभगत के बिना इस तरह का फर्जीवाड़ा संभव नहीं है इसलिए वह अधिकारी पर भी मुकदमा दर्ज कराएंगे।

वेरिफिकेशन के लिए ऑपरेशन मर्यादा हुआ शुरू
चार धाम यात्रा के दौरान गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक के मामले में हरिद्वार में साधु संतों ने सीएम पुष्कर सिंह धामी के बयान की सराहना भी की। इतना ही नहीं संतों ने इसे चारों धामों की गरीमा के लिए जरूरी भी बताया। हरिद्वार में अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र पुरी और जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी राज राजेश्वराश्रम ने धामी के फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि उत्तराखंड सीमांत प्रदेश है इसलिए सुरक्षा के लिहाज़ से यह कदम ज़रूरी है। कुछ संतों की मांग पर धामी ने चार धाम यात्रा के दौरान गैर हिंदुओं के सत्यापन की भी बात कही थी। सीएम धामी के निर्देश के बाद गुरुवार से ही उत्तराखंड पुलिस ने वेरिफिकेशन के लिए ऑपरेशन मर्यादा शुरू कर दिया है।

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