Special Report: BHU के 40 छात्रों ने 60 किलो कबाड़ से बनाया नया जुगाड़, देश के साथ विदेशों में भी हैं डिमांड

काशी में 40 छात्रों की टीम ने करीब 60 किलो कबाड़ में 40 तरह के आर्ट वर्क और पब्लिक यूटिलिटी की चीजें तैयार की है। 60 किलो कबाड़ से छात्रों ने बच्चों के खेलने का खिलौना घर दुकान सजावट को सजाने के साथ-साथ रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग होने वाले चीजों को तैयार किया है।

Pankaj Kumar | Published : Apr 17, 2022 9:34 AM IST

अनुज तिवारी
वाराणसी:
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विजुअल आर्ट फैकल्टी के छात्रों ने "अभिकल्प नवप्रवर्तन केंद्र" में चार दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया है। आयोजन की खास बात है कि इन 40 छात्रों की टीम ने करीब 60 किलो कबाड़ में 40 तरह के आर्ट वर्क और पब्लिक यूटिलिटी की चीजें तैयार की है। 60 किलो कबाड़ से छात्रों ने बच्चों के खेलने का खिलौना घर दुकान सजावट को सजाने के साथ-साथ रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग होने वाले चीजों को तैयार किया है। अपने इस आर्ट वर्क को छात्र "इंटरनेशनल डिजाइन डे" पर संस्था की गैलरी में एग्जीबिशन के लिए सजाएंगे। छात्रों ने यह संदेश दिया है कि कभी न नष्ट होने वाले सॉलिड वेस्ट के नुकसान से नेचर को बचाया भी जाएगा।

देश के साथ साथ विदेशों में भी है डिमांड 
स्क्रैप शिल्पी आर्टिस्ट ग्रुप के संस्थापक और BHU के PhD छात्र सौरभ सिंह ने बताया कि हम लोगों द्वारा बेकार पड़ी वस्तुओं को उपयोग में लाकर एक कलाकृति तैयार कर रहे हैं। इस कार्यशाला में कबाड़ की वस्तुओं से हम रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोग आने वाले वस्तुओं को बना रहे और हमारे बनाए हुए इन कलाकृतियों को देश के साथ-साथ विदेशों में भी लोग पसंद करते हैं। इसकी डिमांड काफी ज्यादा होती है। एशियानेट न्यूज हिंदी से बातचीत में सौरभ ने बताया कि इन कबाड़ की वस्तुओं से टेबल लैंप, वाल लैंप, स्टडी लैंप, सीटिंग स्कल्पचर्स, खिलौने, चाय केतली जैसे कई मटीरियल अभी तक बनाए जा चुके हैं। वहीं हाल ही में सौरभ सिंह ने हैदराबाद स्थित रामोजी राव फिल्म सिटी में कबाड़ से घोड़ा बनाया था, जिसे 5 लाख रुपए में फिल्म सिटी हैदराबाद को बेचा गया है।

कबाड़ से नया जुगाड़ आ लोगों को पसंद
तेजस्वी त्रिपाठी ने बताया कि जितने भी वेस्ट मटेरियल हैं उसके द्वारा हम इकट्ठा करके कबाड़ से नया जुगाड़ बना रहे। इन कबाड़ से हम डेली यूज़ में आने वाले चीजों को बना रहे हैं। इन वस्तुओं की डिमांड देश के साथ-साथ विदेशों में भी काफी ज्यादा है। इस आर्ट की डिमांड काफी ज्यादा होती है। हमारी कुल 35 लोगों की टीम है जो इस वर्कशॉप में काम कर रही है और लगभग 40 ऐसे पदार्थ हम कबाड़ से तैयार कर रहे हैं जो लोगों के घरों की शोभा बढ़ाएंगे। हमारे इस टीम में जितने भी बच्चे हैं हम रास्ते में चलते समय भी अगर हमें कुछ कबाड़ मिल जाते हैं। तो हम उसको इकट्ठा करते हैं और उससे कुछ नया जुगाड़ बना कर अपने रोजमर्रा में उपयोग आने वाले वस्तुओं के रूप में बनाते हैं। हमारे इस वर्कशॉप से कुछ नए बच्चों को भी सीखने का मौका मिल रहा है और जो बच्चे तैयारी कर रहे हैं उनको भी काफी मदद मिल रही है। 

आवारा कुत्तों पर लगी रोक को हटवाने के लिए लखनऊ नगर निगम करेगा अपील, महापौर ने दिए आदेश

बागपत में पन्द्रह सौ रुपये के विवाद को लेकर आरोपी ने युवक को मारी गोली, गर्दन के बीच से आरपार हुआ छर्रा

उत्तर प्रदेश सरकार 1.71 लाख हेक्टेयर ऊसर भूमि को 100 दिनों में बनाएगी खेती करने योग्य, 477.33 करोड़ होंगे खर्च

सीएम योगी के सामने हुआ प्रस्तुतीकरण, रोजगार और उत्पादन बढ़ाने को लेकर दिए गए निर्देश

अखिलेश पर बरसते हुए आजम खान के करीबी राफे राना ने पूछा सवाल, बोले- क्या मुलायम सिंह जेल में होते तो चुप बैठते

Share this article
click me!