सार

लखनऊ में आवारा कुत्तों के आतंक को देखते हुए महापौर संयुक्ता भाटिया ने इनके पकड़ने पर लगी रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों से हो रही समस्या को लेकर रिट फाइल की जाए। नगर आयुक्त ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को रिट तैयार कराने और वकील चयन के लिए कार्रवाई के निर्देश दिए है।

लखनऊ: यूपी की राजधानी में आवारा कुत्तों के बढ़ते हमलों को देखते हुए नगर निगम प्रशासन अब सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश की अपील करेगा जिसमें इन्हें पकड़ने पर रोक है। इसे लेकर महापौर संयुक्ता भाटिया ने नगर निगम में विशेष बैठक की। राजधानी में कुछ दिन पहले पुराने लखनऊ के मुसाहिबगंज में आवारा कुत्तों के हमले में एक मासूम की मौत हो गई थी। वहीं उसकी बहन गंभीर रूप से घायल हो गई थी। इस घटना के बाद से शहर में आवारा कुत्तों को पकड़ने की लगातार मांग हो रही है। 

आवारा कुत्तों की नसंबदी का अभियान चल रहा धीरे
मुसाहिबगंज की घटना के बाद से नगर निगम ने कुत्तों को पकड़ा तो लेकिन पशु क्रूरता निवारण अधिनियम और सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के आदेश के चलते नसबंदी के बाद इन्हें फिर उन्हीं जगहों पर छोड़ दिया गया। तो दूसरी ओर कुत्तों की नसबंदी को लेकर चल रहा अभियान भी नाकाफी है क्योंकि अभियान बहुत ही धीरे चल रहा है। सुस्त रफ्तार के चलते जितने कुत्तों की नसबंदी होती है, उससे कई गुना इनकी आबादी बढ़ जाती है। 

पशु चिकित्साधिकारी को रिट तैयार करने के दिए निर्देश
महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि आवारा कुत्तों के काटने से लोगों की जान जा रही है। सिर्फ जान ही नहीं बल्कि लोग घायल भी हो रहे हैं। जनता की इन परेशानियों को कोर्ट को बताया जाए। इसको बताने के लिए कोर्ट में रिट फाइल की जाए। इस पर नगर आयुक्त ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को रिट तैयार कराने और वकील चयन के लिए कार्रवाई के निर्देश दिए है। संयुक्ता भाटिया ने अमेरिका, इंग्लैंड का जिक्र करते हुए कहा कि वहां की सड़क पर कुत्ते नहीं दिखते। पता किया जाए कि ऐसा वहां क्या किया जाता है कि वहां के आवारा कुत्ते सड़कों में नही दिखाया देते। 

उन्होंने इंदौर को लेकर भी कहा कि वहां भी आवारा कुत्ते सड़क पर नहीं दिखते। वहां के एक्शन प्लान के बारे में पता किया जाए।  महापौर ने इंदिरानगर स्थित जरहरा पशु चिकित्सालय और अमौसी की शूटिंग रेंज में कुत्तों की नसबंदी करने वाले सेंटरों की क्षमता तीन गुना करने के निर्देश दिए।

2016 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाई कोर्ट को दिए थे आदेश
महापौर साथ अन्य अधिकारियों के साथ मौजूद बैठक में संयुक्त निदेशक पशु कल्याण डॉ अरविंद राव ने बताया कि अब तक आवारा कुत्तों को कभी पकड़कर रखा ही नहीं गया है। बीते 20 सालों में कई बार हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश आए हैं। जिनमें आवारा कुत्तों को पकड़ने में रोक लगाई गई। उन्होंने आगे बताया कि साल 2016 में तो सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट को यह आदेश दिया था कि वह अपने स्तर से आवारा कुत्तों को पकड़ने से संबंधित कोई आदेश नहीं करेंगे। 

बैठक में अन्य अधिकारी भी रहे मौजूद
नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने कहा है कि महापौर संयुक्ता भाटिया ने सुप्रीम कोर्ट में अपील के निर्देश दिए हैं। जल्द ही रिट दायर की जाएगी। आवारा कुत्तों के काटने से होने वाले हादसों के बारे में जनता का पक्ष रखा जाएगा। बैठक में नगर आयुक्त व संयुक्त निदेशक पशु कल्याण व पशु चिकित्सक व अन्य अधिकारी भी थे।

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