वाराणसी और गोरखपुर को बजट में मिली बड़ी सौगात, 100 करोड़ रुपए की धनराशि मेट्रो के लिए हुई पास

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और मुख्यमंत्री के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर को कई बड़ी सौगात मिली है। बजट में वाराणसी और गोरखपुर को मेट्रो की सौगात मिली है।  

Asianet News Hindi | Published : May 26, 2022 8:17 AM IST / Updated: May 26 2022, 02:18 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दोबारा सत्ता में वापसी के बाद योगी सरकार ने गुरुवार को साल का पहला बजट पेश किया। विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के द्वारा राज्य का 2022-23 बजट पेश किया। इसमें उन्होंने किसान, महिलाओं, युवाओं, बाल कल्याण समेत कई मुद्दों पर बजट पेश किया। इसके साथ ही योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को कई बड़े सौगात मिली है। वाराणसी और गोरखपुर में मेट्रो रेल शुरू करने के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

मेट्रो रेल की शुरुआत के साथ ही पुलिस के आवासीय भवनों के लिए 800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अनावासीय भवनों के लिए 800 करोड़ रुपये, नवसृजित जनपदों में पुलिस के आवासीय और अनावासीय भवनों के लिए 300 करोड़ रुपये, नवसृजित जनपदों में पुलिस लाइन के निर्माण के लिए भूमि क्रय हेतु 65 करोड़ 70 लाख रुपये आवंटित किए गए। वाराणसी में क्रिकेट स्टेडियम बनाया जाएगा। इसके लिए 95 करोड़ रूपए दिए जाएंगे। गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 113 करोड़ 52 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

विश्वनाथ राजघाट पुल के लिए 500 करोड़ की घोषणा
इतना ही नहीं काशी में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम, बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए बजट, राजमार्ग, महिला सुरक्षा सहित मेट्रो और नमामि गंगे परियोजना के लिए मिले करोड़ों का बजट पास हुआ है। तो वहीं काशी विश्वनाथ राजघाट पुल के लिए 500 करोड़ रुपये की घोषणा हुई है। बजट में बाढ़ नियंत्रण के लिए 2700 करोड़ रुपये और नमामि गंगे में जल जीवन मिशन को 19500 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है। बिजली में रीवैम्प के लिए 31 हजार करोड़ रुपये की घोषणा व‍ित्‍त मंत्री ने की है।

कोविड-19 में अनाथ बच्चों को मिलेगी सहायता
बजट पेश करने के दौरान सुरेश खन्ना बोले कि राज्य सरकार ने बच्चों के मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया है। इसकी वजह से पिछले कुछ सालों में शिशु मृत्यु दर में गिरावट आई है। दस्तक कार्यक्रम इस सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है, जिसके परिणामस्वरूप सभी क्षेत्रों में बच्चों की मृत्यु में बड़ी कमी आई है। सिक एंड न्यूबॉर्न करते हुए सरकार ने पिछले पांच साल में प्रति वर्ष एक लाख से ज्यादा मृत्यु को रोका है। वहीं योगी सरकार कुपोषण के मुद्दों को दूर करने में जुटी है। कोविड-19 संक्रमण के कारण अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण, चिकित्सा, शिक्षा इत्यादि के लिए व्यवस्था के लिए जून 2021 से उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का संचालन किया जा रहा है। पात्र बच्चों को 4000 रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जा रही है। 

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