ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के बाद सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार की कोर्ट में दो एप्लिकेशन पर बुधवार को सुनवाई होगी। इस बीच सात अहम बिंदु हैं जिन पर कोर्ट को सुनवाई करनी है।
वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के बाद सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में दो एप्लिकेशन के सात प्वाइंट्स पर सुनवाई होनी है। इस दौरान बनारस बार एसोसिएशन और दी सेंट्रल बार एसोसिएशन के वकील हड़ताल पर हैं। वकीलों का आरोप है कि प्रदेश सरकार के विशेष सचिव प्रफुल्ल कमल के द्वारा डीएम को भेजे गए पत्र में उनकी मंशा वकीलों को अराजक संबोधित करने की है। हालांकि इस हड़ताल का असर सुनवाई पर नहीं पड़ेगा।
आपको बता दें कि पहला पत्र यूपी सरकार यानी डीजीसी सिविल महेंद्र प्रसाद पांडेय का है। जबकि दूसरा प्रार्थना पत्र हिंदू पक्ष यानी मां श्रृंगार गौरी मामले में वादिनी सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक का है।
पहले एप्लिकेशन में इन बिंदुओं पर सुनवाई
ज्ञानवापी मामले में यूपी सरकार की ओर से वाराणसी कोर्ट में दी गई अर्जी पर सुनवाई होगी। डीजीसी सिविल महेंद्र प्रसाद पांडेय ने इस एप्लीकेशन में तीन अहम बिंदुओं का जिक्र किया है।
न्यायालय ने जिस परिसर को सील करने का आदेश पारित किया उसमें मानव निर्मित 3 फीट का गहरा तालाब है। इसके चारों तरफ पाइप लाइन व नल लगा हुआ है। इस परिसर के सील हो जाने के बाद वजू करने के लिए पाइप लाइन को सील क्षेत्र से बाहर शिफ्ट करना आवश्यक प्रतीत होता है।
सील किए गए परिसर में कुछ शौचालय भी मौजूद हैं। इनका इस्तेमाल नमाजी करते हैं। इसके बंद होने के बाद यहां कोई एंट्री नहीं है। लिहाजा इसको लेकर भी न्यायालय का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया है।
तीसरे अहम बिंदु में बताया गया कि मानव निर्मित तालाब में पानी भरा हुआ है। इसमें कुछ मछलियां भी हैं। परिसल को सील बंद करने के बाद यह मछलियां भी बंद हो गई हैं। लिहाजा उनके जीवन पर खतरा हो सकता है। इन्हें स्थानान्तरित करना अत्यंत आवश्यक प्रतीत होता है।
दूसरे एप्लिकेशन में इन बातों का हुआ जिक्र
हिंदू पक्ष यानी वादिनी सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर से एक बार फिर से ज्ञानवापी में सर्वे की मांग की गई। इसमें परिसर की कुछ दीवारों को गिराने समेत चार प्वाइंट्स पर एप्लिकेशन दी गई। इस एप्लिकेशन में मांग की गई है कि-
जिस जगह पर शिवलिंग मिला है उस जगह या आसपास कोई वजू न केर
शिवलिंग के पूर्व और उत्तर दिशा की दीवार के साथ नंदी के उत्तर दिशा की दीवार को तोड़कर मलबा हटाया जाए।
शिवलिंग की लंबाई और चौड़ाई का पता लगाने के लिए कमीशन की कार्रवाई हो।
बैरिकेडिंग के अंदर पश्चिम दिशा की दीवार को तोड़कर मंडपम की भी वीडियोग्राफी करवाई जाए।
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