वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में आज फिर होगी सुनवाई, इन प्रकरणों पर भी होगी बहस

वाराणसी के ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में एक बार फिर गुरुवार को बहस होगी। गुरुवार को भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान के केस में और साथ ही ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने और मुस्लिमों की एंट्री बैन करने की मांग को लेकर सुनवाई होगी।

Asianet News Hindi | Published : Jul 14, 2022 5:43 AM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर बुधवार 14 जुलाई को जिला अदालत में सुनवाई की जाएगी। बुधवार को कोर्ट में हिंदू पक्ष ने अपनी दलीलें रखीं। ज्ञानवापी प्रकरण से संबंधित भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान के मुकदमे की सुनवाई आज सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी। यह मुकदमा विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन की पत्नी किरन सिंह विसेन ने दाखिल किया है।

फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में होगी सुनवाई
ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मंदिर मामले में आज फिर सुनवाई। हिंदू पक्ष की ओर से हरिशंकर जैन करेंगे बहस। जिला जज एके विश्वेश की अदालत में सुनवाई होगी। मुकदमे के माध्यम से अदालत में कहा गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद में आदि विश्वेश्वर का शिवलिंग मिला है। हिंदुओं को शिवलिंग के दर्शन-पूजन, राग-भोग और श्रृंगार का अधिकार दिया जाए। ज्ञानवापी मस्जिद हिंदुओं को सौंपने, मुस्लिम पक्ष के प्रवेश पर रोक और एडवोकेट कमीशन सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग आकृति आदि विश्वेश्वर की तत्काल प्रभाव से प्रतिदिन पूजा अर्चना प्रारंभ कराने की मांग को लेकर वाराणसी सिविल कोर्ट में मई महीने में दाखिल याचिका पर सिविल जज फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में 8 जुलाई को सुनवाई हुई। जिसमें हिंदू पक्ष की ओर से वादपत्र की त्रुटियों में सुधार के लिए प्रार्थना दी गई। जिसपर कोर्ट ने वादपत्र संशोधन के निस्तारण की अगली तारीख 14 जुलाई नियत हुई है।

इस मुकदमे में है पांच प्रतिवादी
बीती 8 जुलाई को सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र कुमार पांडेय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में किरन सिंह विसेन और मुस्लिम पक्ष सहित अन्य पक्षकार भी पेश हुए थे। इस दौरान वादी पक्ष ने अपने वाद पत्र में टाइपिंग मिस्टेक का हवाला देकर संशोधन की अनुमति मांगी थी। उसके बाद उसकी कॉपी प्रतिवादी पक्ष को आपत्ति दाखिल करने के लिए उपलब्ध कराई गई थी। इसके साथ ही अदालत ने मुकदमे की सुनवाई की अगली तिथि 14 जुलाई निर्धारित कर दी थी। इस मुकदमे में पांच प्रतिवादी है। जितेंद्र सिंह विसेन ने बताया कि यूपी सरकार, वाराणसी के डीएम व पुलिस कमिश्नर, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी और विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया है। 

किरन सिंह विसने की हैं तीन मांग
कोर्ट में शुरू होनी वाली सुनवाई पर किरन सिंह विसेन की तीन मांग है। ज्ञानवापी परिसर में तत्काल प्रभाव से मुस्लिम पक्ष का प्रवेश प्रतिबंधित हो। दूसरी मांग पूरा परिसर हिंदूओं को सौंपा जाए। तीसरी मांग ज्ञानवापी परिसर में मिले भगवान आदि विश्वेश्वर के ज्योतिर्लिंग की नियमित पूजा-पाठ शुरू करने की अनुमति दी जाए। बता दें कि बीते बुधवार को कोर्ट में हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने कोर्ट में कहा कि 1991 का वरशिप एक्ट किसी भी तरीके से इस मामले में लागू नहीं होता है। मुस्लिम पक्ष जिस जमीन पर दावा कर रहा है वो जमीन आदि विश्वेश्वर महादेव की है। उसमें जबरजस्ती नमाज पढ़ी जा रही है। बुधवार को हुई इस मामले में करीब ढाई घंटे तक कोर्ट की बहस हुई। 

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