काशी विश्वनाथ धाम में तैयार हुआ 'मौत का भवन'  मृत्यु के इंतजार में मिलेगा हाईटेक सुविधाओं का लाभ

Published : Aug 16, 2022, 01:58 PM IST
काशी विश्वनाथ धाम में तैयार हुआ 'मौत का भवन'  मृत्यु के इंतजार में मिलेगा हाईटेक सुविधाओं का लाभ

सार

काशी विश्वनाथ धाम में मौत का भवन बनकर पूरी तरह से तैयार हो चुका है। जीवन का अंतिम समय जो लोग काशी में गुजारना चाहते हैं वह इस भवन का लाभ ले सकते हैं। 

वाराणसी: बनारस में काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया है। इसकी आभा पूरे विश्व में फैल चुकी है। यहां इस बार सावन में लाखों की संख्या में भत्तों ने पहुंचकर बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। इस बीच एक और खुशखबरी सामने आई। विश्वनाथ धाम में फेज टू का काम भी पूरा हो चुका है। इसके बाद जल्द ही सारे भवन गुलजार होंगे। हालांकि यहां एक ऐसे भवन का निर्माण भी हुआ है जिसके बारे में सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। 

मोमोक्षु भवन के नाम से जाना जाता है बैधनाथ भवन

काशी विश्वनाथ धाम में 'मौत का भवन' बनकर पूरी तरह से तैयार हो चुका है। इस हाईटेक भवन में लोग अपनी मौत का इंतजार करेंगे इसी के साथ यहां वह अपने जीवन की अंतिम सांस भी लेंगे। दरअसल काशी में मौत को भी उत्सव की तरह ही मनाने की परंपरा है। इस नगरी में लोग मोक्ष की प्राप्ति के लिए मौत की कामना करते हैं। यही वजह है कि यहां पर ऐसा भवन बनाया गया है। जीवन का अंतिम समय बिताने के लिए कई लोग यहां आते हैं और कामना करते हैं कि उनकी अंतिम सांस बाबा के चरणों में ही निकले। मान्यता है कि काशी में मृत्यु होने पर मनुष्य बंधनों से मुक्त होकर सीधे मोक्ष की प्राप्ति करता है। इसी को लेकर दूरदराज से लोग आकर जीवन के अंतिम क्षणों में यहां बस जाते हैं। अब ऐसे लोगों को यहां भटकना नहीं पडे़गा, यहां मौत का भवन बनकर तैयार हो चुका है। इस हाइटेक भवन का नाम बैधनाथ भवन रखा गया है और बनारस में इसे मोमोक्षु भवन के नाम से जाना जाता है। 

हाईटक सुविधाओं के साथ मौत का होगा इंतजार

इस भवन में मौत का इंतजार कर रहे लोगों को हाइटेक सुविधाएं दी जाएंगे। उन्हें बिस्तर, फुल एयर कंडीशन हॉल, किचन, शौचालय, निवास करने वाले व्यक्तियों के लिए अलग-अलग अलमारी मिलेगी। इस भवन में 42 बेड लगाएं गए हैं और यहां पर 65 साल से ऊपर के व्यक्तियों को रहने की सुविधा है। इसमें वरीयता उन लोगों को दी जाती है जो कि अपने जीवन की अंतिम सांसे गिन रहे हैं। यह भवन बाबा के गर्भगृह के बिल्कुल नजदीक है। 

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