
प्रयागराज (Uttar Pradesh). शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने रविवार को कहा, अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए गठित होने वाले ट्रस्ट में उन संत-महात्माओं और लोगों को भी शामिल करना चाहिए जो श्रीराम मंदिर आंदोलन में शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से न सिर्फ राम जन्मभूमि का विवाद समाप्त हुआ, बल्कि भगवान राम के पूर्ववर्ती, समकालीन और परवर्ती प्रसंगों में बताए गए स्थानों, घटनाओं और पात्रों के अस्तित्व की भी पुष्टि हुई। बता दें, बातचीत में शंकराचार्य ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद संस्थाओं द्वारा नियोजित श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन की सफलता के लिए स्वर्गीय अशोक सिंघल के महत्वपूर्ण योगदान का भी उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, करोड़ों अरबों रुपये खर्च करने के बाद भी गंगा और इसकी सहायक नदियां मैली हैं। जहां शासन को टैनरी आदि का दूषित पानी इन नदियों में जाने से रोकना चाहिए। वहीं, आम लोगों को गंगा स्वच्छ रखने की अपनी जिम्मेदानी निभानी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था ये फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने 40 दिन लगातार सुनवाई के बाद 9 नवंबर को ऐतिहासिक फैसले में अयोध्या की विवादित जमीन पर ट्रस्ट का गठन कर मंदिर बनाने का आदेश दिया था। साथ ही मुस्लिम पक्ष को मस्जिद के लिए अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था।
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