बसपा सुप्रिमो मायावती ने सोशल मीडिया के जरिए जानकारी दी कि उनसे मिलने उन्नाव पीड़ित परिवार मिलने आया। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार के लोग समुचित न्याय की तलाश में कल रात लखनऊ आकर मुझसे मिले और अपनी दुःख भरी व्यथा सुनाई, जिससे स्पष्ट है कि सपा नेता के बेटे सहित लोकल पुलिस भी पूरी तरह से इसके लिए जिम्मेदार है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में जारी विधानसभा चुनाव के बीच उन्नाव कांड (Unnao Case) की आंच अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) पर आती दिख रही है। समाजवादी पार्टी के नेता के बेटे द्वारा दलित युवती (Dalit Girl Murder Case) की हत्या का मामला गरमाता दिख रहा है। सपा नेता के प्लॉट में गड़ी मिली मृतक युवती की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मृतक युवती की गर्दन की हड्डी टूटी मिली है, इसका मतलब है कि हत्या करने से पहले युवती को बुरी तरह से पीटा गया है।
इसी मामले में बसपा सुप्रिमो मायावती (Mayawati) का ट्वीट आया कि कल रात लखनऊ आकर मुझसे पीड़ित परिवार ने मुलाकात की। इसकी जानकारी उन्होंने ट्विटर के जरिए दी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि, 'उन्नाव में दलित युवा लडकी का अपहरण कर उसकी नृशंस हत्या के संगीन मामले में पीड़ित परिवार के लोग समुचित न्याय की तलाश में कल रात लखनऊ आकर मुझसे मिले और अपनी दुःख भरी व्यथा सुनाई, जिससे स्पष्ट है कि सपा नेता के बेटे सहित लोकल पुलिस भी पूरी तरह से इसके लिए जिम्मेदार है।'
इसके साथ ही उन्होंने एक दूसरा ट्वीट कर सरकार से गुजारिश की कि सरकार दोषी पुलिस वालों को बर्खास्त करे तथा उनके खिलाफ सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज करके उन्हें जेल भेजे। मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि 'उन्नाव पुलिस अगर पीड़ित परिवार की शिकायत का समय से संज्ञान ले लेती तो यह घटना नहीं होती। सरकार दोषी पुलिस वालों को बर्खास्त करे तथा उनके खिलाफ सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज करके उन्हें जेल भेजे। साथ ही गरीब पीड़ित परिवार की उचित कानूनी पैरवी की व्यवस्था करे, बीएसपी की यह माँग।'