उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा की पहली बैठक से पहले सदन का नजारा बदला हुआ देखने को मिलेगा। सदन में 379 से बढ़ाकर 404 करने की व्यवस्था कर दी गई है। इसके साथ ही पहली विधानसभा में ई विधान की व्यवस्था को भी लागू किया जाएगा।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल में राज्य में कार्ययोजनाओं को तेजी के साथ मैदान में उतारा ही नहीं बल्कि सदन में भी कई बदलाव किए जा रहे है। राज्य में 18वीं विधानसभा की पहली बैठक में सदन बदला-बदला नजर आएगा। बहुत सारे लोगों को शायद यह पता नहीं है कि विधानसभा के लिए जितने सदस्य निर्वाचित होते रहे हैं, सदन में उतने सदस्यों को बैठने के लिए भी सीट नहीं थीं। लेकिन 18वीं विधानसभा की पहली बैठक में सभी नवनिर्वाचित सदस्यों के लिए अपनी तय सीट होगी। इसके लिए सदन में सदन में सीटों को बढ़ाने का काम तेजी के साथ चल रहा है।
ई-विधान व्यवस्था को किया जाएगा लागू
यूपी विधानसभा सदन में सीटों की संख्या को बढ़ाने के साथ-साथ ई विधान व्यवस्था को लागू कर सदन कई अन्य नई पहल की ओर कदम बढ़ाने जा रहा है। विधानसभा सदन में 403 विधायकों और एक महाधिवक्ता को मिलाकर कुल 404 सीटों की आवश्यकता होती है। लेकिन अभी तक 404 सीटों की व्यवस्था सदन में थी ही नहीं इसी के लिए जोरो के साथ काम चल रहा है।
इसके अलावा विधान परिषद सदस्य के रूप में मंत्रिमंडल में शामिल मंत्री भी विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने व प्रश्नों का जवाब देने के लिए उपस्थित होते हैं। इनके लिए भी अतिरिक्त सीटों की आवश्यकता होती है। इसलिए सदन में नियमित तौर पर 404 से अधिक सदस्यों के बैठने के लिए सीटों की व्यवस्था होनी चाहिए। लेकिन अभी तक विधानसभा सदन में सिर्फ 379 सदस्यों के ही बैठने की व्यवस्था रही है।
पर्याप्त सीट न होने से स्थान नहीं था निश्चित
सदन में पर्याप्त सीट ने होने से विधायकों का स्थान भी निश्चित नहीं था। जिसकी वजह से दलीय व्यवस्था में निर्धारित सीटों में जो सदस्य जहां स्थान पाता था, बैठ जाता था। बैठकों के दौरान तमाम सदस्यों की अनुपस्थिति की वजह से यह व्यवस्था चली आ रही थी। यह व्यवस्था तबसे चली आ रही है जब उत्तराखंड गठन के पूर्व विधानसभा सदस्यों की संख्या 425 हुआ करती थी। इस समस्या का समाधान विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने पहल की है। विधानसभा की सीटें बढ़ाई जा रही हैं।
प्रत्येक सदस्य की सीट होगी सुनिश्चित
सतीश महाना ने बताया कि विधानसभा में 25 सीटें बढ़ाने का काम पूरा हो गया है। अब विधानसभा में सीटों की संख्या 379 से बढ़ाकर 404 हो गई हैं। यह सभी 403 निर्वाचित सदस्यों व महाधिवक्ता के लिए आवश्यक 404 सीटों के बराबर है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि प्रत्येक सदस्य की सीट सुनिश्चित करने का रास्ता बन गया है।
सदस्यों की सीट पर टैबलेट होगा फिक्स
विधानसभा की आगामी बैठक में सदन में प्रत्येक सदस्य का स्थान सुनिश्चित होगा। इतना ही नहीं प्रत्येक सदस्य की सीट पर टैबलेट फिक्स किए जाने का प्रयास है। जिस पर सदन व सदस्य से संबंधित पूरी जानकारी उपलब्ध होगी। इसके अलावा टैबलेट में सदस्यों का जवाब भी इसी में उपलब्ध होगा। यह पेपरलेस सदन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि विधानसभा को पेपरलेस करने की कार्यवाही लोकसभा की तर्ज पर की जा रही है।
परिषदीय मंत्रियों के लिए भी बढ़ेंगी कुछ सीटें
विधानसभा सदस्यों के साथ-2 विधान परिषद वाले मंत्रियों के लिए भी कुछ सीटें बढ़ाने का प्रयास हो रहा है। इसलिए 10-12 सीटें बढ़ाने की योजना है। ऐसे में सदन में कुल सीटों की संख्या 410-412 तक हो सकती है। फिलहाल विधान परिषद में 9 सदस्य प्रदेश मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं, जबकि पांच किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। इन पांच को भी आगे परिषद के जरिए आना तय माना जा रहा है।
वरिष्ठता के अनुसार मिलेगी विधायकों की सीट
सदन में प्रत्येक विधायक की सीट तय करने की पहल में विधायकों को उनकी वरिष्ठता के अनुसार सीट तय करने का भी प्रस्ताव है। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बताया कि सभी दलों से वरिष्ठ सदस्यों का नाम मांगा जाएगा। उसी के हिसाब से सीट तय की जाएगी।
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