यूपी के सीतापुर जिले में स्थित है गांव कोरौना। इस गांव के लोग इस समय इसका दंश झेल रहे हैं। वह किसी से पता पूंछे जाने पर गांव का नाम बताने में भी इस समय हिचकिचाते हैं। दरअसल उनके गांव का जो नाम है उसी नाम की महामारी से इस समय पूरी दुनिया दहशत में है।
सीतापुर(Uttar Pradesh ). समूचा विश्व इस समय कोरोना वायरस नाम की महामारी से परेशान है। दुनिया के तकरीबन सभी देश इस समय इस भयंकर महामारी का दंश झले रहे हैं। चीन से फ़ैली ये बीमारी भारत में भी अपने पांव तेजी से पसार रही है। यहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों के संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। संकट की इस घड़ी में लॉकडाउन है। ऐसे में यूपी के एक गांव के लोग अपने गांव के नाम का दंश झेल रहे हैं। इस गांव का नाम ही इतना खौफनाक है जिसे सुनने के बाद लोग सहम जाते हैं। गांव में एक भी कोरोना पीड़ित नहीं है इसके बावजूद लोग इस गांव के ग्रामीणों से भेदभाव करना शुरू कर दिए हैं।
यूपी की राजधानी लखनऊ से तकरीबन 100 किमी दूर सीतापुर जिले में स्थित है गांव कोरौना। इस गांव के लोग इस समय इसका दंश झेल रहे हैं। वह किसी से पता पूंछे जाने पर गांव का नाम बताने में भी इस समय हिचकिचाते हैं। दरअसल उनके गांव का जो नाम है उसी नाम की महामारी से इस समय पूरी दुनिया दहशत में है।
नैमिषारण्य की परिक्रमा के बीच पड़ता है ये गांव
सीतापुर को कोरौना गांव नैमिषारण्य की पौराणिक 84 कोसी परिक्रमा परिधि के बीच आता है। सीतापुर जिले की मिश्रित तहसील के अंतर्गत आने वाले इस गांव की आबादी तकरीबन 10 हजार के आसपास है। यह गांव धार्मिक और पौराणिक रूप से काफी समपन्न है। नैमिषारण्य की पौराणिक 84 कोसी परिक्रमा का पहला पड़ाव यही गांव है।
लोग ग्रामीणों से कर रहे भेदभाव
गांव के रहने वाले राजेश शुक्ला ने बताया कि इस समय हम कहीं भी निकलते हैं तो लॉकडाउन के कारण पुलिस रोक कर पूंछती है कहां से आए हो। गांव का नामा बताते ही वह स्तब्ध रहे जाते हैं। गांव के एक लड़के ने पुलिस को गांव का नाम बताया तो पुलिस उस पर बिफर पड़ी। पुलिस को लगा कि वो उनसे मजाक कर रहा है। लेकिन जब सच्चाई बताई गई तो सभी हंसने लगे। ऐसे ही गांव में रहने वाले शिक्षक रविशंकर ने बताया कि पहले गांव का नाम बताने में कोई समस्या नहीं होती थी लेकिन जब से ये वायरस फैला है तब से नाम बताने के बाद लोगों ने ग्रामीणों के साथ भेदभाव शुरू कर दिया है।
गांव में नहीं है एक भी कोरोना संक्रमित
पूरे गांव में एक भी व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं है। इसके बावजूद भी गांव का नाम जानने के बाद लोग ग्रामीणों से भदभाव करते हैं। लोग पास खड़े होने से व बातचीत करने से बचने का प्रयास करते हैं।