उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में ग्राम पंचायत अधिकारी की जरा सी लापरवाही ने बच्चे की जान ले ली है। दरअसल, ग्राम पंचायत अधिकारी की लोडेड पिस्टल से बच्चे को खेल-खेल में गोली लग गई। जिसके बाद परिजन उसे अस्पताल ले गए जहां पर उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई है।
हमीरपुर: बड़ों की लापरवाही का खामियाजा अक्सर बच्चों को भुगतना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला हमीरपुर गांव के ग्राम पंचायत अधिकारी के परिवार में देखने को मिला है, जहां खेल-खेल में सामने रखी लोडेड पिस्टल को ग्राम पंचायत अधिकारी के 6 वर्षीय बेटे मयंक ने उठा लिया और छोटे भाई पर गोली चला दी। अधिकारी की जरा सी चूक ने उनके मासूम छोटे बेटे की जान ले ली है।
खेल-खेल में बड़े भाई ने ली मासूम की जान
यूपी के हमीरपुर गांव स्थित बिवांर थाने के उमरी गांव निवासी ग्राम पंचायत अधिकारी जयराम कुशवाहा के अनुसार वह शुक्रवार को कहीं बाहर जाने के लिए तैयार हो रहे थे। वहीं, पास में ही उनकी लोडैड लाइसेंसी पिस्टल रखी हुई थी। जयराम कुशवाहा ने बताया कि दोनों बच्चे वहीं आपस में खेल रहे थे। खेल-खेल में ही उनके बड़े बेटे मयंक ने लोडेड रखी लाइसेंसी पिस्टल उठा ली और छोटे बेटे सिद्धार्थ पर तान कर ट्रिगर दबा दिया। जिला अस्पताल स्टाफ के अनुसार छोटे बेटे सिद्धार्थ जिसकी उम्र 2 वर्ष थी गोली उसके सिर के पार निकल गई थी। परिजन फौरन बच्चे को अस्पताल लेकर आए जहां पर डॉक्टर ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद परिजन बच्चे का शव लेकर अस्पताल से गायब हो गए।
मृत होने पर शव लेकर गायब हुए परिजन
परिवार को जैसे ही मालूम हुआ कि बच्चा मर चुका है वैसे ही परिजन अपने बयान बदलने लगे। जब तक अस्पताल का स्टॉफ पुलिस के लिए मेमो लिखता तब तक परिजन शव लेकर गायब हो गए। हांलाकि पुलिस को मामले की जानकारी मिलते ही वह जिला अस्पताल पहुंचे लेकिन तब तक परिजन शव लेकर गायब हो चुके थे। बिंवार थाने में खबर मिलते ही वहां की पुलिस मौके पर गांव पहुंच कर मासूम के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस के अनुसार उन्होंने पिस्टल जब्त कर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत अधिकारी जयराम कुशवाहा के परिवार में चार लाइसेंसी असलहे मिले हैं। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।