भारतीय जनता पार्टी की नेता नूपुर शर्मा के बयान के बाद मुस्लिम समाज के लोगों के विरोध प्रदर्शन के तरीके को लेकर बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने सवाल उठाए हैं।
अयोध्या: भारतीय जनता पार्टी की नेता नूपुर शर्मा के बयान के बाद मुस्लिम समाज के लोगों के विरोध प्रदर्शन के तरीकों पर बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने भी सवाल उठाए हैं। जुमे की नमाज़ के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने प्रदेश के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन किया था और यह प्रदर्शन कई जगहों पर हिंसक भी रहा था। इस प्रदर्शन के दौरान कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए है।
इकबाल अंसारी ने मुस्लिम पक्ष से की अपील
इकबाल अंसारी ने कहा कि 'सड़क पर प्रदर्शन कर केवल माहौल खराब होगा और कुछ नहीं होगा। संवैधानिक दायरे में संविधान के तहत जिलाधिकारी और कमिश्नर से मिलकर तथा जिलों में गठित मुस्लिम कमेटी के लोग सरकार को ज्ञापन दें। उन्होंने कहा कि चाहे मुस्लिम हो या हिंदू दोनों ही समाज धर्म के विरोध में जा रहे हैं। किसी भी धर्म में लड़ाई झगड़ा या हिंसा करना नहीं सिखाया जाता है। इकबाल अंसारी ने सरकार से मांग की है कि टेलीविजन के माध्यम से धार्मिक टिप्पणी की जा रही है, जिससे माहौल खराब हो रहा है। धार्मिक टिप्पणी करने वाले चाहे वह हिंदू हों या मुसलमान सब के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए, ताकी आगे से कोई ऐसे बयान ना दे सके। उन्होंने मुस्लिम समाज से अपील की है कि मुस्लिम समाज के लोग सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन ना करें।'
धर्म के विपरीत जा रहे लोग- इकबाल अंसारी
बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि 'लोग धर्म के विपरीत जा रहे हैं। धर्म में लड़ाई झगड़ा नहीं सिखाया जाता है। धर्म की आड़ में तरह-तरह की चर्चा हो रही है। हर धर्म के लोग एक दूसरे के मज़हब पर टिप्पणी कर रहे हैं, फिर चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम यह अधिकार किसी को नहीं है कि कोई किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाए। इकबाल अंसारी ने कहा कि सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए और भारत हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई सभी धार्मिक मान्यताओं को मानने वाला देश है।'