योगी आदित्यनाथ सरकार पर्यटकों को सैर कराने का दायरा बढ़ा रही है। बाबा की नगरी काशी विश्वनाथ में गंगा में चलने वाले क्रूज के संचालन का दायरा बढ़ाया जाएगा। अब विवेकानन्द क्रूज पर्यटकों को गंगा से गोमती नदी तक का सफर कराएगा। इससे पहले रविदास से राजघाट तक ही संचालन होता था।
अनुज तिवारी
वाराणसी: योगी सरकार (Yogi Government) धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काशी (Kashi) के गंगा में चलने वाले क्रूज का दायरा बढ़ाने जा रही है। काशी में आने वाले मेहमानों को विवेकानन्द क्रूज मार्कण्डेय महादेव धाम के दर्शन कराएगा। काशी विश्वनाथ धाम के विस्तार और वाराणसी के विकास के बाद बनारस में पर्यटकों की आमद में तेजी से इजाफा हो रहा है। योगी सरकार पर्यटन को विस्तार देने के लिए क्रूज का दायरा बढ़ा रही है। अब ये क्रूज गंगा से गोमती नदी तक पर्यटकों को लेकर जाएगी और मार्कण्डेय महादेव के दर्शन भी कराएगी। पहले से ही क्रूज, अध्यात्म, धर्म और इतिहास को समेटे हुए काशी के 84 घाटों का नजारा पर्यटकों को दिखा रहा है।
क्रूज के संचालन का दायरा जाएगा बढ़ाया
काशी के घाटों का नजारा देखने के लिए देशी ही नहीं विदेशी सैलानी भी लाखों की संख्या में रोज काशी आते है। अब ये मेहमान क्रूज से सुबहे-ए-बनारस और गंगा आरती देखने के साथ मार्कण्डेय महादेव के भी दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए क्रूज के संचालन का दायरा बढ़ाया जाएगा। विवेकांनद क्रूज़ पर सवार होकर पर्यटक अध्यात्म, धर्म और इतिहास को संजोए हुए काशी के घाटों का नजारा देखकर खूब रोमांचित होते है। क्रूज के अंदर की साज सज्जा में काशी का धार्मिक और अध्यात्म के नजारे के साथ ही यहां के धरोहरों का इतिहास भी दर्शाया गया है। अत्याधुनिक क्रूज व करीब 200 लोगों की क्षमता वाली दो रो-रो बोट स्वामी विवेकानंद और सैम माणिक शाह के अलावा दो और क्रूज पहले से ही काशी के घाटों की सैर करा रहा है।
पहले रविदास से राजघाट तक होता था संचालन
क्रूज के संचालक विकास मालवीय ने बताया कि रविदास घाट से राजघाट तक अभी क्रूज का संचालन हो रहा है। पर्यटक सुबहे-ऐ-बनारस और घाटों की आरती का अद्भुत नजारा देख रहे थे। अब इसका विस्तार करते हुए क्रूज रविदास घाट से मार्कण्डेय धाम तक जाएगा। यह यात्रा करीब 55 किलोमीटर की होगी। गंगा की ये यात्रा 9 घंटे में तय होगी। क्रूज पर कुशल गाइड रहेंगे जो पर्यटकों को काशी के धरोहरों के संबंघ में धार्मिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक जानकारी देंगे। क्रूज पर ही बनारसी खान-पान का इंतजाम भी होगा। सुरक्षा की दृष्टि से ये क्रूज अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है और सुरक्षा के सभी उपकरणों से लैस है।