उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को नई किताबें मिलने का रास्ता हुआ साफ, जुलाई में शुरू होगा वितरण

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को नई किताबें मिलने का रास्ता साफ कर दिया है। गर्मी की छुट्टी के बाद जुलाई में स्कूल खुलने पर पुस्तकों का वितरण होगा। साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्राइमरी स्कूलों में दो करोड़ नामांकन का लक्ष्य तय किया है। 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को अब नई किताबें मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इन स्कूलों में करीब 1.58 लाख विद्यार्थी पढ़ रहे है जिनको बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा किताबें जल्द मिलना बिल्कुल पक्का हो गया है। किताबें छापने वाली कंपनी को जीएसटी देने का नियम बदलने पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। इसी महीने के अंत तक करीब 14 करोड़ किताबें छापने का टेंडर कराने की तैयारी है और जुलाई में बच्चों को किताबें वितरित कराने की योजना भी बनाई जा रही है।  

पुरानी किताबों से पढ़ाने के मिले थे निर्देश
बेसिक शिक्षा परिषद का नया शैक्षिक सत्र वैसे तो अप्रैल की पहली तारीख से शुरू हो चुका है लेकिन परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले और नए प्रवेश पाने वाले छात्र-छात्राओं के लिए किताबों का इंतजाम नहीं हो सका था। जिसके लिए विभाग द्वारा स्कूलों को निर्देश दिए गए थे कि अगली कक्षाओं में पहुंचने वाले बच्चों से पुरानी किताबें जमा करके पढ़ाई कराई जाए। विभागीय निर्देश के चलते स्कूल के शिक्षक जैसे-तैसे किताबें लेकर पढ़ाई करा रहे थे। 

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जीएसटी भगुतान में हो रही थी समस्या
शिक्षा परिषद को किताबों का टेंडर दिसंबर 2021 या फिर जनवरी में ही करना था लेकिन उस समय उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से टेंडर नहीं हो सका। इसलिए नई सरकार बनने की राह देखी जा रही थी। साथ ही पुस्तकों का प्रकाशन करने वाली कंपनी को जीएसटी भुगतान में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। इस समस्या से निपटारा करने के लिए कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में जीएसटी का प्रकरण सुलझ गया है। 

महीने की 18 तारीख को है बैठक
बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार महीने की 18 तारीख को इस संबंध में बैठक हो रही है। उसमें टेंडर कराने व अन्य कार्यक्रम पर मुहर लग जाएगी। इस महीने के अंत तक टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी। पिछले सत्र में परिषदीय स्कूलों में 1.83 करोड़ छात्र-छात्राएं पढ़ रहे थे और उस समय 13.5 करोड़ पुस्तकें प्रकाशित हुई थी। लेकिन इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो करोड़ नामांकन का लक्ष्य तय किया है। जिसकी वजह से करीब 14 करोड़ किताबों का प्रकाशन कराने की योजना बन रही है। किताबों के प्रकाशन को लेकर अफसरों का कहना है कि टेंडर पास होने के बाद करीब दो महीने में किताबें प्रिंट हो जाएगी। ऐसे में गर्मी की छुट्टी के बाद जुलाई में स्कूल खुलने पर पुस्तकों का वितरण कराएंगे।

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