ऊंचाहार सीट का क्या है इतिहास, कौन है स्वामी प्रसाद मौर्य का बेटा? उत्कृष्ट या मनोज पांडे में कौन मारेगा बाजी

सूत्रों के अनुसार, स्वामी प्रसाद ऊंचाहार सीट से अपने बेटे उत्कृष्ट मौर्य को खड़ा करना चाहते थे लेकिन बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं थी। जिसके चलते उन्होंने बीजेपी को अलविदा कह दिया है। हालांकि इस बीच स्वामी के बेटे उत्कृष्ट मौर्य ने सफाई दी है। उन्होंने इस बात को सिरे से नकार दिया है। उत्कृष्ट मौर्य अशोक ने कहा कि आज भी ऐसा कोई मुद्दा नहीं है कि मेरे पिता मेरे लिए या फिर बहन के लिए टिकट मांग रहे हैं। 


लखनऊ: प्रदेश 2022 के चुनाव में अपना परचम लहराकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) दोबारा सत्ता में वापसी की कवायद में लगी है। भाजपा की नजर उन सीटों पर भी है जहां वह जीत नहीं सकी थी। ऐसी ही एक सीट रायबरेली की ऊंचाहार विधानसभा (Unchahar vidhansabha Seat) है, जहां सपा लगातार दो बार से विजयी रही है। 2012 में के चुनाव में सपा से मनोज पांडेय, स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasaad Maurya) के बेटे और बसपा प्रत्याशी उत्कृष्ट मौर्य (Utkrisht Maurya) को 2582 वोट से मात देकर विधायक बने और अखिलेश सरकार में मंत्री बने। इसके बाद 2017 में भी सपा से मनोज पांडे (Manoj Pandey) ने इस बार भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरे उत्कृष्ट मौर्य को 1934 वोट से हरा दिया।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 115 किलोमीटर जबकि इलाहाबाद से 85 किलोमीटर की दूरी पर ऊंचाहार विधानसभा सीट (Unchahar Assembly Seat) स्थित है। कांग्रेस का गढ़ रायबरेली जिले की ऊंचाहार विधानसभा सीट (183) पर ना ही राममंदिर आंदोलन ना ही मोदी लहर भाजपा को जीत दिला सकी। इस सीट पर पहली बार 2012 में चुनाव हुआ था। सपा से मनोज पांडेय 2012 और 2017 में जीतकर लगातार दूसरी बार विधायक हैं। 2022 के चुनावी संग्राम में बीजेपी ऊंचाहार सीट पर काबिज होने को बेताब है, क्योंकि 2017 के चुनाव में जीत-हार के बीच मात्र 1934 वोट का अंतर था। हालांकि सपा यहां से जीत की हैट्रिक लगाने की कवायद में है।

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सूत्रों के अनुसार स्वामी प्रसाद ऊंचाहार सीट से अपने बेटे उत्कृष्ट मौर्य को खड़ा करना चाहते थे लेकिन बीजेपी इसके लिए तैयार नहीं थी। जिसके चलते उन्होंने बीजेपी को अलविदा कह दिया है। हालांकि इस बीच स्वामी के बेटे उत्कृष्ट मौर्य ने सफाई दी है। उन्होंने इस बात को सिरे से नकार दिया है। उत्कृष्ट मौर्य अशोक ने कहा कि आज भी ऐसा कोई मुद्दा नहीं है कि मेरे पिता मेरे लिए या फिर बहन के लिए टिकट मांग रहे हैं। मेरे पिता और पार्टी तय करेंगे कि मैं चुनाव लड़ूंगा या फिर विधानसभा चुनाव में कार्यकर्ता के तौर पर काम करूंगा। आपको बता दें कि इस सीट पर काबिज मनोज पांडे का कहना है कि इस चुनाव में भी वो ही इस सीट से चुनाव लड़ेंगे। वहीं, बसपा और कांग्रेस यहां वापसी के लिए बेचैन हैं।

2012 के पहले का राजनीतिक इतिहास

ऊंचाहार का इलाका पहले डलमऊ विधानसभा सीट में आता था। लेकिन 2012 चुनाव के पहले नए परिसीमन के बाद डलमऊ का कुछ हिस्सा सरेनी विधानसभा सीट में चला गया और बाकी हिस्से को मिलाकर इस सीट को ऊंचाहार विधानसभा का नाम दे दिया गया।

कुल मतदाता (2011 के आंकड़ों के अनुसार) – 3,24,885

पुरुष – 51।5 फीसदी

महिला – 48।5 फीसदी

जातीय समीकरण

यहां सबसे ज्यादा आबादी दलित मतदाता है, खासकर पासी समुदाय के। इसके बाद यादव, मौर्या, ब्राह्मण, राजपूत, मुस्लिम, एससी,  लोध, कुर्मी समेत ओबीसी जातियां भी निर्णायक स्थिति में रहती हैं।

2012 विधानसभा चुनाव का परिणाम

स्थान    प्रत्याशी            पार्टी         वोट       वोट (%)

1        मनोज पांडे            सपा        61930   33।18

2       उत्कृष्ट मौर्य         बसपा      59348   31।8

3      अजय पाल सिंह    कांग्रेस     47898   25।67

जीत का अंतर- 2582

2017 विधानसभा चुनाव का परिणाम

स्थान  प्रत्याशी          पार्टी         वोट      वोट (%)

1       मनोज पांडे         सपा      59103     28।55

2      उत्कृष्ट मौर्य     भाजपा    57169     27।61

3       विवेक सिंह       बसपा     45356     21।91

जीत का अंतर- 1934

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