सम्मेलनों के सहारे निकाय चुनाव में हो सकता है बड़ा उलटफेर, पसमांदा मुसलमानों पर दांव लगाएगी भाजपा

Published : Dec 14, 2022, 05:09 PM IST
सम्मेलनों के सहारे निकाय चुनाव में हो सकता है बड़ा उलटफेर, पसमांदा मुसलमानों पर दांव लगाएगी भाजपा

सार

यूपी में होने जा रहे निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी नई रणनीति पर काम कर रही है। अंदेशा है कि इस बार भाजपा निकाय चुनाव को लेकर कोई बड़ा उलटफेर करने जा रही है। पार्टी पसमांदा मुसलमानों को जोड़ने की रणनीति पर बैठक करेगी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने जा रहे निकाय चुनाव को लेकर भाजपा बड़ा उलटफेर करने जा रही है। बताया जा रहा है कि यूपी के सभी 17 नगर निगमों में भाजपा पसमांदा मुसलमानों का सम्मेलन कराने जा रही है। भाजपा पसमांदा मुसलमानों को अपने साथ जोड़ने की रणनीति पर बैठक करेगी। साथ ही बीजेपी स्थानीय चुनाव में पसमांदा मुस्लिम समाज के लोगों को उम्मीदवार भी बना सकती है। बीजेपी के इस कदम का ऑल इंडिया मुस्लिम पसमांदा समाज के प्रदेश अध्यक्ष वसीम राइन ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि पसमांदा समाज को लेकर जबसे पीएम मोदी ने बोला है, तभी से सभी राजनीतिक संगठनों ने पसमांदा मुसलमानों के बारे में बात करना शुरूकर दिया है। उन्होंने कहा कि वह इसके लिए पीएम मोदी के शुक्रगुजार हैं।

बीजेपी पसमांदा समाज को देगी हिस्सेदारी
ऑल इंडिया मुस्लिम पसमांदा समाज के प्रदेश अध्यक्ष वसीम राइन ने कहा कि नरेंद्र मोदी देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री है, जिन्होंने उनके समाज के बारे में सोचा है। वरना आजादी के बाद से किसी भी राजनैतिक दल ने ओबीसी पसमांदा मुसलमानों की बात नहीं की है। वसीम राइन ने आगे कहा कि वह लोग दबे-कुचले मुसलमान हैं। मुस्लिमों की कुल आबादी का 85 फीसदी केवल पसमांदा समाज है। ऐसे में अब बीजेपी में पसमांदा मुसलमानों को हिस्सेदारी देने की बात की जा रही है। जो भी दल उनके समाज को हिस्सेदारी देगा। वह वहां पर वोट करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह किसी से डरे या दबे नहीं हैं। क्योंकि अब वह लोग जागरुक हो गए हैं। वसीम राइन ने कहा कि भाजपा के बारे में हमारे मुस्लिम नेताओं और मौलानाओं ने यह तय कर दिया कि वह कम्युनल पार्टी है।

अन्य पार्टियों पर साधा जमकर निशाना
जबकि बसपा, सपा और कांग्रेस सेक्युलर दल हैं। उन्होंने कहा कि बसपा, सपा और कांग्रेस ने सिर्फ मुसलमानों का इस्तेमाल किया है। लेकिन किसी भी पार्टी ने दिया कुछ भी नहीं है। सभी पार्टियों ने भाजपा का डर दिखाकर हमारे वोट बैंक का इस्तेमाल किया और हिस्सेदारी को जीरो रखा। जब पीएम औऱ बीजेपी ने हमारे समाज के बारे में सोचा है तो अपनी हिस्सेदारी मिलने की उम्मीद जगी है। साथ ही वसीम राइन ने कहा कि सपा यादवों की पार्टी मानी जाती है। वहीं सपा ने MY के नाम पर हम पसमांदा समाज के मुस्लिमों के वोट का केवल इस्तेमाल किया है। सपा ने उनके समाज के लिए कोई काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सपा ने हमारे समाज से केवल दरी बिछवाने का काम किया है। वसीम राइन ने कहा कि पसमांदा समाज के लोगों ने आजमगढ़ और रामपुर में सपा के किले को नष्ट कर दिया है। ऐसे में बीजेपी को अब पसमांदा समाज को हिस्सेदारी देनी चाहिये।

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