लखीमपुर हिंसा के गवाह ने शस्त्र लाइसेंस के लिए खुद पर करवाया था हमला, जानिए कैसे खुली पोल

Published : Jun 04, 2022, 03:19 PM IST
लखीमपुर हिंसा के गवाह ने शस्त्र लाइसेंस के लिए खुद पर करवाया था हमला, जानिए कैसे खुली पोल

सार

लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य गुवाह दिलबाग सिंह पर हुए हमले की पोल खुल गई है। पुलिस ने बताया कि दिलबाग सिंह ने खुद पर ये हमला शस्त्र लाइसेंस पाने के लिए करवाया था। पुलिस की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 

लखीमपुर खीरी: तिकुनियां हिंसा मामले में गवाह और भाकियू के नेता दिलबाग सिंह पर बीते मंगलवार की रात को हुए हमले की पोल खुलने लगी है। दिलबाग सिंह ने खुद पर ये हमला करवाया था। इस हमले के पीछे का कारण था कि वह शस्त्र लाइसेंस पाना चाहते थे। इसी के चलते उन्होंने मित्रों से खुद पर हमला करवाया था। लखीमपुर खीरी के जिलाध्यक्ष दिलबाग सिंह पर गोला कोतवाली के भदेंड में एक जून को हमला हुआ था। इस दौरान उनकी कार पर तीन राउंड फायरिंग की गई थी। 

गोला गोकर्णनाथ क्षेत्र में मंगलवार की रात को भाकियू जिलाध्यक्ष दिलबाग सिंह पर हमले की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पुलिस की जांच में सामने आए तथ्य और बताई जा रही घटना मेल नहीं खा रही थी। इसके बाद पुलिस ने सभी पहलुओं पर गहनता से जांच की और घटना का पर्दाफाश हुआ। 

बारीकी से निरीक्षण में सामने आई कई खामियां
गौरतलब है कि दिलबाग सिंह पर हमले के बाद बैलिस्टिक विशेषज्ञ टीम के द्वारा उस स्थान पर बारीकी से निरीक्षण किया गया। इस बीच टीम ने गाड़ी की भी बारीकी से पड़ताल की। इस जांच में बैलिस्टिक विशेषज्ञों ने कुछ प्रमुख टिप्पणियां अंकित की। इस टिप्पणी में था कि गाड़ी के टायर पर मारी गई गोली वादी के कथन के विपरीत खड़ी गाड़ी में मारी गई थी। दूसरी टिप्पणी में था कि गाड़ी के शीशों पर गोलियां भी एफआईआर में बताए गए तथ्यों के विपरीत पाई गई। बाईं और दाईं दोनों ही दशाओं में गोली खड़ी अवस्था में चलाई गई। 

न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराए बयान 
मामले में एसपी ने बताया दिलबाग सिंह ने एफआइआर में जिन जितेंद्र और विपिन को घटना में ठीक अपने सामने होना बताया था, उन्होंने न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए। उन्होंने बताया कि शस्त्र लाइसेंस प्राप्त करने के लिए ऐसी किसी घटना को करवाने की बात कही। दावा किया गया कि शस्त्र लाइसेंस के लिए ही इस तरह की घटना खुद बनाई गई। वहीं इस बीच सरकारी गनर के निलंबित होने के कारण उन्हें पहली जून को ही दूसरा गनर मुहैया करवाया जा चुका है। 

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