सार

पुलिस रात भर दबिश देकर अब तक 35 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। यहां पर सुरक्षा व्यवस्था संभालने पीएसी की कई कंपनियां कानपुर में आ चुकी हैं। कानपुर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि कानपुर में हुई हिंसा के पीछे पीएफआई या किसी अन्य संगठन की साजिश को भी खंगाला जा रहा है।

कानपुर: बीते शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में उपद्रव के मामले में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया का भी कनेक्शन होने की आशंका है। देश में कई दंगों के साथ उपद्रव के मामलों में इस संगठन की भी साजिश रहती है, इसी कारण कानपुर के बवाल में इसकी साजिश का शक जताया जा रहा है। कानपुर में अब हालात नियंत्रण में हैं। कई बटालियन पीएसी के साथ ही रैपिड एक्शन फोर्स की टीमों ने रात में ही दंगाई पर नियंत्रण पा लिया।

35 से ज्यादा लोगों की हुई गिरफ्तारी
कानपुर में हुई हिंसा में पीएफआइ के भी कनेक्शन की आशंका जताई जा रही है। इस दिशा में भी पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। बता दें कि कानपुर के नई सड़क क्षेत्र में शुक्रवार को उपद्रव के मामले में 55 लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया गया है जबकि हजार अज्ञात पर भी नजर है। पुलिस रात भर दबिश देकर अब तक 35 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। यहां पर सुरक्षा व्यवस्था संभालने पीएसी की कई कंपनियां कानपुर में आ चुकी हैं। कानपुर पुलिस कमिश्नर ने कहा कि कानपुर में हुई हिंसा के पीछे पीएफआई या किसी अन्य संगठन की साजिश को भी खंगाला जा रहा है।

पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने कहा कि प्रशासन से बातचीत के बाद कानपुर बंद का ऐलान करने वाले संगठन ने अपने इस बंद को वापस ले लिया था, लेकिन हिंसा अचानक भड़की। कानपुर में एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हयात जफर हाशमी सहित कुछ स्थानीय नेताओं ने बंद बुलाया था। कानपुर में उपद्रव के मामले में तीन तीन एफआईआर की गई है। 

मुख्य आरोपी हयात अभी भी फरार
मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी अभी भी फरार है। हयात के कनेक्शन पीएफआइ से भी जुड़े होने की जानकारी मिली है। 35 से अधिक को गिरफ्तार किया गया है, जबकि मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी अभी भी फरार है। हयात के कनेक्शन पीएफआइ से भी जुड़े होने की जानकारी मिली है। सूफी खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी कैसर हसन मजीदी ने कहा कि शुक्रवार को जो बवाल हुआ उसका कहीं न कहीं पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) कनेक्शन है। पीएफआइ के स्थानीय सक्रिय सदस्यों की मदद से इस बवाल को बढ़ाने का काम किया गया है। मामले में सरकार से वह उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।

13 पुलिसकर्मी हुए घायल और 30 अन्य को आई चोट
मामले को लेकर पुलिस ने जानकारी दी कि कानपुर हिंसा में 13 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इसी के साथ दोनों पक्षों के भी 30 लोगों को चोटें आई हैं। कई गाड़ियों में तोड़फोड़ और लूट की घटना को भी इस दौरान अंजाम दिया गया। पुलिस ने इस पूरे प्रकरण में लूटपाट, मारपीट और बलवा समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। घटना के सीसीटीवी फुटेज के जरिए आरोपियों की पहचान की जा रही है। 

अतिरिक्त पुलिस की भी हुई तैनाती 
एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार के अनुसार घटना को शासन ने गंभीरता से लिया है। अतिरिक्त पुलिस की भी तैनाती वहां पर की गई है। 12 कंपनी और एक प्लाटून पीएसी की तैनाती के साथ ही सभी डीएसपी, पुलिस कमिश्नर, डीएम, मंडलायुक्त राजेशखर यतीमखाना पुलिस चौकी पर डेरा जमाए हुए हैं। जिन लोगों की ओर से उपद्रव किया गया उनकी पहचान की जा रही है। 

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