
लखनऊ: नौ महीने जिसे कोख में पाला हो, भला कोई मां उसकी जान कैसे ले सकती है लेकिन मंगलवार को लखनऊ ट्रामा सेंटर में नजारा कुछ और ही दिखा। एक मां ने अपने ही दुधमुंहे बच्चे को मौत के घाट उतार दिया था। वर्ष 2013 में शांति और राजन की शादी हुई थी। शादी के कुछ माह बाद वह गर्भवती हुई लेकिन शांति के गर्भ में ही उसके बच्चे ने दम तोड़ दिया। लगातार एक के बाद दूसरे और फिर तीसरे बच्चे की भी गर्भ में ही मौत हो गई। बड़ी मन्नतों के बाद चौथे बेटे ने जन्म लिया लेकिन वो भी बीमार। बच्चे का वजन भी मात्र 900 ग्राम ही था। बेटे को बचाने के लिए दंपत्ती उसे ट्रामा सेंटर लेकर आए थे लेकिन मासूम की हालत शांति से देखी नहीं जा रही थी और उसने बच्चे को ट्रामा सेंटर की चौथी मंजिल से नीचे फेंक दिया।
सुधर नहीं रही थी हालत
दिमागी बुखार, पीलिया और लीवर खराब होने के कारण डॉक्टर बच्चे कोआइसीयू में ही रखते थे। सुधार होने पर उसे बाहर वार्ड में शिफ्ट किया जाता था लेकिन जैसे ही उसे शांति दूध पिलाती वह उल्टियां करने लगता। उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था।
ससुराल वाले करा रहे थे इलाज
बच्चे के इलाज में राजन के पिता रामअवतार और भाई अमरनाथ व अजय हर प्रकार का सहयोग कर रहे थे लेकिन शांति का सब्र टूट गया और उसने मासूम को मौत की नींद सुला दिया।।
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।