यूपी के कानपुर में भड़की हिंसा को लेकर आरोपितों पर प्रदेश सरकार के बुलडोज़र एक्शन पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। जिसपर योगी सरकार ने अपना जवाब दिया है।
लखनऊ :उत्तर प्रदेश में दंगे के आरोपियों की संपत्ति पर चल रहे बुलडोज़र को लेकर योगी सरकार ने अपना हलफनामा दाखिल किया है। यूपी सरकार ने कहा कि बुलडोजर की कार्रवाई का भाजपा के निलंबित प्रवक्ताओं की ओर से पैगंबर मोहम्मद पर दिए बयान के बाद भड़के दंगों से कोई ताल्लुक नहीं हैं। सरकार ने कहा कि अवैध निर्माण को गिराने की कार्रवाई नगर निकाय के नियमों के अनुसार की जा रही है।
योगी सरकार ने जमीयत की अर्जी को खारिज करने की उठाई मांग
यही नहीं योगी सरकार ने जमीयत की अर्जी को लेकर कहा कि 'उन्होंने कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर याचिका डाली है। जिस पर सरकार का कहना है कि उनकी ओर से लगाए गए आरोप पूरी तरह से गलत हैं, इसलिए उनकी द्वारा दी गई अर्जी को खारिज कर देना चाहिए। सरकार ने साफ कहा कि यूपी में जिन संपत्तियों पर बुलडोजर चला है, वे अवैध थीं। इसके अलावा नगर निगम के नियमों का पूरी तरह से पालन किया गया है। दंगों में शामिल होने के चलते ही लोगों पर ऐक्शन नहीं हुआ है। दंगा करने वाले लोगों पर अलग कानूनों के तहत कार्रवाई की जा रही है।'
जिन के घर पर बुलडोज़र चला है उनको जवाब देने का मौका- योगी सरकार
योगी सरकार ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी करने के बाद दंगा भड़काने वालो के घर पर ही सिर्फ बुलडोज़र नहीं चला है। नगर निगम के नियमों का पालन करते हुए अवैध निर्माण पर बुलडोज़र चलाया गया है। सरकार ने उन लोगों को मौका दिया है। जिनको ये लगता है कि नियमों का उल्लघंन हो रहा है। उन लोगों को पक्ष रखने का मौका दिया है।
जानिए याचिका में क्या कहा कुछ कहा गया
बता दें कि याचिका में कहा गया था कि उत्तर प्रदेश में सरकार की ओर से की गई कार्रवाई कानून के खिलाफ है। ऐसे में जमीयत उलमा-ए-हिंद ने कोर्ट से मांग की है कि वह प्रदेश सरकार को आदेश दे कि इस तरह की कार्रवाई को फौरन रोका जाए। वहीं प्रदेश के आठ जिलों में हिंसा फैलाने वाले अबतक 357 आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं। प्रयागराज हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद के घर को, कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपी जफर हयात की संपत्ति पर और हाथरस में हिंसा फैलाने वाले दो आरोपितों के घर को प्रदेश सरकार की आदेश के बाद बुलडोजर से ध्वस्त किया जा चुका है।