
लखनऊ (Uttar Pradesh). सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राजधानी में करीब 70 कश्मीरी छात्रों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने छात्रों की समस्याएं सुनी। साथ ही कहा कि इस बातचीत में जो भी समस्याएं सामने आएंगी, उसका जम्मू कश्मीर शासन से बात करके हल निकाला जा सकता है। इसलिए ये बातचीत होना जरूरी है। इस मुलाकात बाद कश्मीरी छात्र काफी खुश नजर आए। ज्यादातर छात्रों ने कहा, सीएम से मुलाकात कर उन्हें नजदीक से मिलने का मौका मिला। उम्मीद है कि उनकी जो भी समस्याएं हैं, उसे सुलझाने में सीएम पूरी मदद करेंगे।
CM योगी कश्मीरी छात्रों के परिवारवालों से कराएंगे बात
एक छात्रा इकरा ने बताया, पिछले 55 दिनों से उसकी अपने घर कश्मीर में बातचीत नहीं हो सकी थी। इसपर सीएम ने कहा कि सभी छात्रों की परिवार से बातचीत की व्यवस्था कराई जाएगी। यही नहीं जल्द ही बातचीत का ये सिलसिला सामान्य होगा। मुलाकात के बाद छात्र-छात्राओं को पर्यटन विभाग की तरफ से लखनऊ दर्शन की व्यवस्था भी कराई गई।
CM ने छात्रों को इस बात का दिलाया भरोसा
काफी जद्दोजहद के बाद अलीगढ़ के एसीएन कॉलेज आफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट स्टडीज एवं इगलास के शिवदान सिंह कॉलेज के छात्र सीएम से मिलने राजधानी आए थे। इनसे बातचीत के बाद सीएम योगी ने उन्हें आश्वासन देते हुए कहा, मेरे साथ जो भी बात आप करेंगे, वह गोपनीय रहेगी। हम अच्छा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। आज आप पढ़ाई कर रहे हैं, कल आप प्रशासनिक नौकरी के लिए भी आ सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि उत्तर प्रदेश को आप जानें। लोकतांत्रिक माहौल में संवाद सबसे जरूरी है। लोकतंत्र का मतलब ही है सबका विकास।
सीएम ने छात्रों से कहा, राज्य स्तर की जो भी समस्या होगी, उसे हम सुलझाने की कोशिश करेंगे। अन्य स्तर पर भी कोशिश की जाएगी। प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर कश्मीरी बच्चे हैं, उनके साथ मैं समय-समय पर बातचीत करूंगा। सभी लोग अपनी बात रखने में कोई संकोच न करें।
मोदी-शाह बुलाएंगे तो हम जाएंगे
बता दें, सीएम योगी आदित्यनाथ ने लेटर लिखकर 40 एएमयू छात्रों को मिलने के लिए 28 सितंबर को कालिदास मार्ग स्थित अपने आवास पर बुलाया था। लेकिन छात्रों ने सीएम से मिलने से इनकार कर दिया। योगी छात्रों से मिलकर उन्हें जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म होने के फायदों के बारे में बताना चाहते थे। लेकिन छात्रों ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया। जम्मू-कश्मीर छात्र नेता मुबाशिर हसन ने कहा था, सीएम योगी जम्मू-कश्मीर के छात्रों को मिलने के लिए इसलिए बुला रहे हैं क्योंकि वो अनुच्छेद-370 के हटाए जाने के बारे में छात्रों को बताना चाहते हैं, लेकिन छात्र इसके फायदे और नुकसान के बारे में पहले से ही सब जानते हैं। इस संबंध में उनसे मिलने का कोई फायदा नहीं। अगर इस बारे में बात करनी है तो देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री जम्मू-कश्मीर के छात्रों को बातचीत के लिए बुलाएं। हम उनसे मिलकर कश्मीरियों की परेशानी और अनुच्छेद- 370 हटाए जाने के बारे में अपना पक्ष रखेंगे।
योगी को कश्मीरियों से कोई लगाव नहीं
कश्मीरी छात्रों ने कहा था, सरकार पूरे विश्व में ये दिखाना चाहती है कि उसके अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले से सब खुश हैं, जोकि सच नहीं है। हम किसी भ्रमित करने वाली राजनीतिक गतिविधि का हिस्सा नहीं बनना चाहते। हमें मालूम है कि सीएम योगी को कश्मीरियों से कोई लगाव नहीं है। हमसे मिलने का उद्देश्य सिर्फ फोटो खिंचवाना है। ताकि वो दुनिया से घाटी की सच्चाई को छुपा सकें। छात्रों ने कहा, अगर सरकार को इतना ही लगाव है तो उन कश्मीरी लोगों से उन्हें जाकर मिलना चाहिए जो घाटी से एयरलिफ्ट कर यहां लाए गए और बिना कसूर के प्रदेश भर की जेलों में बंद कर दिए गए।
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