यूपी की योगी सरकार ने दिवाली से पहले कर्मचारियों को तोहफा देने का फैसला कर लिया है। इसके तहत महंगाई भत्ता और महंगाई राहत भुगतान का फैसला अक्टूबर माह की सैलरी और पेंशन के साथ किया जाना है।
लखनऊ: केंद्र सरकार ने हाल ही में डीए में 4 फीसदी की वृद्धि की थी। इसके बाद अब यूपी सरकार की ओर से भी इसको लेकर फैसला लिया गया है। महंगाई भत्ता और महंगाई राहत का भुगतान अक्टूबर माह की सैलरी और पेंशन के साथ किया जाएगा। इसके चलते हर माह 296 करोड़ रुपए का व्यय भार सामने आएगा। वहीं जुलाई से लेकर अक्टूबर तक देय का कुल व्यय भार 1184 करोड़ रुपए आएगा। पुरानी पेंशन प्रणाली के दायरे में आने वाले कर्मियों के जीपीएफ में 387 करोड़ रुपए जमा होंगे। जबकि शेष अन्य के लिए नकद 797 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा।
जुलाई 2022 से लागू होगी वृद्धि, कर्मचारियों को मिलेगा बोनस
सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्य कर्मचारियों, पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ता और महंगाई राहत की वर्तमान दर को 34 फीसदी से बढ़ाकर 38 फीसदी करने की मंजूरी दे दी है। यह वृद्धि जुलाई 2022 से लागू होगी। इसके साथ ही राज्य कर्मचारियों को बोनस भी दिया जाएगा। बोनस और डीए के भुगतान का फैसला एक साथ होने से नकद व्यय भार 1436 करोड़ रुपए का आएगा।
जीपीएफ में न आने वाले कर्मचारियों को नकद होगा भुगतान
आमतौर पर केंद्र सरकार की ओर से डीए-डीआर बढ़ाने के बाद राज्य सरकार भी अपने कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए घोषणा करती है। वहीं बोनस की बात की जाए तो केंद्र सरकार की दर के अनुसार ही राज्य कर्मचारियों को भी बोनस देने का फैसला होने के बाद तकरीबन 14 लाख 82 हजार कर्मचारी पात्रता में आएंगे। इन कर्मचारियों को 30 दिन के वेतन के बराबर बोनस मिलेगा। उच्चतम सीमा 7000 के आधार पर बोनस के लिए प्रति कर्मचारी 6908 रुपए की मंजूरी दी गई है। इसका 75 फीसदी हिस्सा कर्मचारी भविष्य निधि यानी जीपीएफ खाते में जाएगा और 25 फीसदी का भुगतान होगा। वहीं जो कर्मचारी जीपीएफ में नहीं आते उनका नकद भुगतान होगा।