
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दूसरे कार्यकाल में जिस तरह से सभी विभागों में तेजी के साथ काम कर रहे है उसी प्रकार मदरसा शिक्षा परिषद में भी कई बड़े बदलाव करने जा रही है। मदरसों में अब दीनी तालीम कम कर अंग्रेजी, विज्ञान, हिंदी, गणित व सामाजिक विज्ञान जैसे आधुनिक विषयों पर अधिक फोकस किया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार का प्रयास है कि मदरसा बोर्ड के पाठ्यक्रम को ऐसा बनाया जाए कि यहां के छात्र दूसरे बोर्ड के छात्रों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकें। सरकार के इस फैसले से मदरसों से दीनी तालीम देने वाले 5339 शिक्षकों के पद चरणावर तरीके से खत्म हो जाएंगे।
मदरसा में पढ़ने वाले बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में होते हैं असफल
मदरसा बोर्ड के पाठ्यक्रम को सुधारने के लिए सरकार द्वारा दीनी तालीम देने वाले शिक्षकों को चरणानुसार खत्म किया जाएगा। अब मदरसों में कुल 8129 शिक्षकों के पदों में से 6455 पर आधुनिक विषय पढ़ाने वाले शिक्षकों के रखेंगे। उत्तर प्रदेश में 558 मदरसे हैं, जिनमें 8129 शिक्षकों व 558 प्रधानाचार्य के पद हैं। इन मदरसों पर सरकार हर साल 866 करोड़ रुपये खर्च करती है। इतने बड़े खर्च के बाद भी मदरसों में छात्रों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। इसका मुख्य कारण यही है कि यहां ऐसे विषयों को पढ़ाया जाता जिसके कारण बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल होते है। इसलिए सरकार मदरसो बोर्ड के पाठ्यक्रम में अहम बदलाव करने जा रही है। अभी तक मदरसों में कक्षा एक से पांच तक के मदरसों में सभी शिक्षक दीनी तालीम देने वाले होते हैं। कक्षा छह से आठ तक के मदरसों में तीन शिक्षकों में दो दीनी तालीम वाले होते हैं तो वहीं कक्षी नौ और दस के मदरसों में चार में से तीन शिक्षक दीनी तालीम देने के लिए होते हैं। यानी साफतौर पर जाहिर है कि कक्षा छह से आठ तक के मदरसों में मात्र एक-एक शिक्षक ही वैकल्पिक विषय पढ़ाने वाले होते हैं।
प्रत्येक कक्षा में दीनी तालीम देने वाले शिक्षक होंगे एक
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में हुई बैठक में मदरसा मान्यता, प्रशासन एवं सेवा सेवा विनियमावली 2016 में जरूरी संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजने का प्रस्ताव पास हुआ। इस बैठक में तय हुआ है कि प्रत्येक कक्षा के स्तर पर केवल एक शिक्षक ही दीनी तालीम देने के लिए रहेंगे। ऐसे में कक्षा एक से पांच तक के मदरसों में पांच शिक्षकों में एक शिक्षक दीनी तालीम व चार शिक्षक आधुनिक विषय पढ़ाने वाले रहेंगे। यानी कक्षा छह से आठ तक के मदरसों में तीन शिक्षकों में अब एक दीनी तालीम व दो आधुनिक विषय पढ़ाने वाले रहेंगे। इसी प्रकार नौ और दस के मदरसों में चार शिक्षकों में एक दीनी तालीम व तीन आधुनिक विषय से जुड़े होंगे। फिलहाल वर्तमान में अब 8129 शिक्षकों के पदों में 7013 पद दीनी तालीम देने वाले व 1116 पद वैकल्पिक विषय पढ़ाने वाले शिक्षक मदरसों में हैं। नई व्यवस्था में अब 558 मदरसों में 1674 पद दीनी तालीम वाले शिक्षक ही रह जाएंगे।
भारत के महापुरूषों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की दी जाएगी शिक्षा
डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि मदरसा बोर्ड ने सर्वसम्मति से केवल एक प्रश्नपत्र दीनियात विषय का रखा है। बाकी पांच अंग्रेजी, विज्ञान, हिंदी, गणित व सामाजिक विज्ञान के रहेंगे। इसलिए अब तहतानिया (कक्षा एक से पांच), फौकानिया (कक्षा पांच से आठ) व आलिया (कक्षा नौ और दस) स्तर के मदरसों में केवल एक ही शिक्षक दीनियात विषयों के रहेंगे। इसके लिए प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार को भेज दिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मदरसो बोर्ड के इस फैसले का दीनी तालीम देने वाले शिक्षकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि जितने शिक्षक रिटायर होते जाएंगे उनके स्थान पर आधुनिक विषय पढ़ाने वाले शिक्षक भर्ती होते जाएंगे। जहां दीनी तालीम देने वाले शिक्षक अधिक हैं उन्हें दूसरे मदरसों में तबादला किया जाएगा। इसके अलावा अब मदरसों के छात्रों को भारत के महापुरूषों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जीवनी पढ़ाई जाएगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि यहां के बच्चों में देश प्रेम व भक्ति का भाव जागृत हो सके और वे महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा ले सकें।
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