सार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लोकभवन स्थित अपने कार्यालय में सभी विभाग के मंत्री और अफसरों के साथ बैठक कर सौ दिन के रोडमैप पर मंथन किया। बैठक में मंत्रियों सहित अधिकारी अब तक अपने स्तर से की गई तैयारियों का ब्योरा लेकर पहुंचे। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सौ दिन के लिए समग्र कार्ययोजना का खाका बैठक में प्रस्तुत किया।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश को हर क्षेत्र में नंबर एक बनाने के लिए योगी आदित्यनाथ 24 घंटे के अंदर ही एक्टिव मोड में नजर आने लगे थे। योगी सरकार 2.0 ने सभी विभाग के मंत्री भी मिशन मोड पर काम शुरू कर चुके है। सरकार अगले सौ दिन, छह महीने और एक साल के लिए रोडमैप तैयार कर काम करने वाली है। लेकिन अभी उत्तर प्रदेश सरकार अगले सौ दिन का रोडमैप बना रही है। इसके लिए तय किया गया है कि विभिन्न विभाग और उनकी योजनाओं को कुल दस सेक्टरों में बांटकर काम किया जाएगा।

मुख्य सचिव ने सौ दिन की कार्ययोजना का किया प्रस्तुत
सौ दिन के लिए रोडमैप तैयार करने के लिए कई दिन से मंत्री और अफसर इसकी तैयारी करने में जुटे हैं। इन्हीं तैयारियों का जायजा लेकर दिशा-निर्देश देने के लिए सीएम योगी ने मंगलवार को लोकभवन स्थित अपने कार्यालय सभागार में सभी विभागों की समीक्षा बैठक आयोजित की। मंत्रियों सहित अधिकारी अब तक अपने स्तर से की गई तैयारियों का ब्योरा लेकर पहुंचे। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सौ दिन के लिए हर कार्ययोजना का पूरा ब्यौरा बैठक में प्रस्तुत किया। उसे देखने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि विकास के दृष्टिकोण से दस सेक्टर बना लिए जाएं। उसमें विभिन्न विभागों की कार्ययोजना को शामिल किया जाए। उन सभी कार्ययोजना पर विभाग कैसे काम कर सकते है उस पर आपसी समन्वय बनाकर कार्ययोजना बनाएं। इसके साथ ही वर्तमान में जो भी योजना चल रही हैं, उनका उल्लेख करते हुए उन्हें और गति दी जाए।
 
योगी बोले- ईज आफ लिविंग पर दे विशेष ध्यान 
सीएम योगी आदित्यनाथ ने जोर दिया कि विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने जो लोक कल्याण संकल्प पत्र जारी किया था, उसके सभी बिंदु इस कार्ययोजना में समाहित होने चाहिए। सूत्रों के मुताबिक मुख्य सचिव आधे विभागों की रूपरेखा ही बता पाए थे कि समय काफी हो गया। इस पर निर्णय किया गया कि सभी विभाग अपनी तैयारी अच्छे से कर लें। मुख्यमंत्री 13 से 20 अप्रैल तक अलग-अलग विभागों का प्रस्तुतीकरण देखेंगे। इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ ने बैठक में यह भी कहा कि सौ दिन के लक्ष्य तय करते समय व्यावहारिक और आर्थिक पहलुओं का भी ध्यान रखा जाए। मंत्री अपने-अपने विभागों में विचार-विमर्श कर इस पर रणनीति बनाएं और ईज आफ लिविंग पर विशेष ध्यान दिया जाए।

13 से 20 अप्रैल तक कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण देखेंगे सीएम
सरकार के 100 दिन के रोडमैप पर मंथन करने के लिए मंगवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बुलाई गई सभी विभागों की महत्वपूर्ण बैठक हुई। जिसमें सभी विभागों पर की जा रही तैयारियों को लेकर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने प्रस्तुतीकरण किया। सीएम योगी आदित्यनाथ अब 13 से 20 अप्रैल तक अलग-अलग विभागों की सौ दिन की कार्ययोजना का प्रस्तुतीकरण देखेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार 2.0 के मंत्रिमंडल की शपथ ग्रहण के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों और अधिकारियों को निर्देश दे दिया था कि सरकार सौ दिन, छह माह और प्रति वर्ष के लक्ष्य तय कर पांच वर्ष काम करेगी। इसके लिए सौ दिन की कार्ययोजना सभी विभाग बना लें।

दस सेक्टर में बांटे गए सभी विभाग
1. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य : चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुष, बाल विकास एवं पुष्टाहार, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग।
2. ग्राम्य विकास : ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, नमामि गंगे एवं जलापूर्ति, राजस्व तथा ग्रामीण अभियंत्रण सेवा।
3. विविध : गृह, सचिवालय प्रशासन, कार्मिक एवं होमगार्ड्स।
4. कृषि उत्पादन : कृषि विभाग, कृषि विपणन एवं विदेश व्यापार, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, गन्ना विकास, पशुधन, दुग्ध विकास, मत्स्य, रेशम विकास, लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल, सिंचाई एवं जल संसाधन और सहकारिता।
5. अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास: अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, एमएसएमई, हथकरघा एवं वस्द्योद्योग, ऊर्जा, अतिरिक्त ऊर्जा, आइटी एवं इलेक्ट्रानिक्स, नागरिक उड्डयन, लोक निर्माण विभाग, खादी एवं ग्रामोद्योग, एनआरआइ एवं संस्थागत वित्त।
6. सामाजिक सुरक्षा : समाज कल्याण, महिला कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ, श्रम तथा खाद्य एवं रसद।
7. नगरीय विकास : आवास एवं शहरी नियोजन, नगर विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन, पर्यावरण तथा वन एवं वन्य जीव।
8. पर्यटन एवं संस्कृति : संस्कृति, पर्यटन, धर्मार्थ कार्य, सूचना तथा भाषा।
9. शिक्षा : बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा और युवा कल्याण।
10. राजस्व संग्रह : जीएसटी, कर एवं निबंधन, आबकारी, परिवहन, भूतत्व एवं खनिकर्म।

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